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बजट सत्र के पहले दिन उत्तर प्रदेश विधान परिषद् ने निपटाये काम

लखनऊ,  उत्तर प्रदेश विधान परिषद् बजट सत्र के पहले दिन कार्य-सूची की मदो को निपटाने के बाद शुक्रवार 11 बजे तक के लिए स्थगित हो गई। सदन की कार्यवाही पूर्वाह्न 12ः30 बजे सभापति रमेश यादव के सभापतित्व मे वन्देमातरम के साथ प्रारम्भ हुई। उसके बाद 13 फरवरी से 07 मार्च तक तिथिवार कार्यक्रम के सम्बन्ध में कार्य.परामर्षदात्री समिति की संस्तुतियों पर सदन की सहमति ली ।

सभापति श्री यादव ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के अभिभाषण को पढ़ कर सुनाया। परिषद के प्रमुख सचिव ने उत्तर प्रदेश के वर्ष 2019 के 16 से लेकर 22 तक बने अधिनियमों की घोषणा की। कार्य-सूची की मदो को निपटाया गया । मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश माल एवं सेवाकर अधिनियम में पेश किये गये, दस संशोधनों पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए कहा कि इनपर सदन में चर्चा होनी चाहिए कि इतने अधिक संशोधनों की आवश्यकता क्यों पड़ी है।

सदन में जलशक्ति मंत्री डा0 महेन्द्र सिंह ने उत्तर प्रदेश माल और सेवा कर संशोधन अध्यादेश 2020 को सदन की मेज पर रखते हुए उसमें कई संशोधनों को भी सदन की मेज पर रखा। सभापति ने ज्यों ही सदन की कार्यवाही को कल तक स्थगित करने की घोषणा करनी चाही तभी मुख्य विपक्षी दल के सदस्य नरेश चन्द्र उत्तम अपने स्थान पर खड़े हो गये और उन्होंने कहा कि हम जानना चाहते हैं कि माल एवं सेवा कर में दस संशोधन सरकार किस बात के लिए लेकर आयी है। इससे पहले जब माल एवं सेवाकर लगाया गया था तो सरकार ने इसे देशहित और व्यापारियों के हित में बताया था। लगाने और अब संशोधन के बीच जो शोषण हुआ उसका जिम्मेदार कौन होगा।

श्री उत्तम का कहना था कि इसपर चर्चा करायी जाये। अगर कहीं कोई कमी है तो इसपर सदन में खुलकर चर्चा होगी और इतनी जल्दी पुनः संशोधनों की आवश्यकता नहीं होगी। उपमुख्यमंत्री और नेता सदन डा0 दिनेश शर्मा ने कहा कि विधान सभा में यह पेश किया जा चुका और अब चर्चा की आवश्यकता नहीं है। इसपर सपा सदस्य संजय लाठर कहा कि पूर्व में शिक्षा सेवा चयन आयोग भी आया था और उसपर सदन के सदस्य चर्चा चाहते थे एलेकिन तब उनकी भी बात को अनसुना कर दिया गया व उसपर भी चर्चा नहीं करायी गयी। चर्चा की जरूरत है और यह सदन के सदस्यों का अधिकार भी है।

इसपर कई सपा सदस्य उदयवीर सिंह, बलराम यादव, आनन्द भदौरिया, सुनील सिह साजन, शशांक यादव, राकेश यादव, राजेश यादव आदि अपने-अपने स्थान पर खड़े हो गये। सभापति ने कहा बहुमत अगर चर्चा चाहता है तो चर्चा करा ली जायेगी। सभापति के आश्वासन के बाद सदस्य शांत हुए और सभापति श्री यादव ने सदन की कार्यवाही कल शुक्रवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।