पचास गांवों की होगी कायापलट, इलाके की बदल जाएगी तस्वीर
September 6, 2019
नयी दिल्ली, ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ के आसपास के पचास गांवों को ‘विलेज ऑफ एक्सीलेंस’ के रूप में विकसित किया जाएगा जहां कृषि, सिंचाई एवं ग्रामीण विकास से इलाके की तस्वीर बदली जाएगी।
भारत-इजरायल रणनीतिक साझेदारी के तहत कृषि क्षेत्र में सहयोग के तहत बनाये गये 28 ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ के आसपास के पचास गांवों को ‘विलेज ऑफ एक्सीलेंस’ के रूप में विकसित किया जाएगा जहां कृषि, सिंचाई एवं ग्रामीण विकास के लिए इजरायली तकनीक से इलाके की तस्वीर बदली जाएगी।
भारत में इजरायल के राजदूत रोन मलका ने शुक्रवार को विदेशी मामलों को कवर करने वाले पत्रकारों के संघ (आईएएफएसी) के साथ संवाद के एक कार्यक्रम में यह जानकारी दी।
उन्होंने दोनों देशों के वित्तीय बाज़ारों और वित्तीय नियामकों के बीच भी साझेदारी की वकालत की और कहा कि तेल अवीव एवं मुंबई में शेयर बाजारों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों तथा दोनों केन्द्रीय बैंकों के गवर्नरों के बीच संपर्क एवं तालमेल होना चाहिए।
एक सवाल के जवाब में श्री मलका ने कहा कि रणनीतिक साझेदारी एक व्यापक टर्म है।
कृषि क्षेत्र में रणनीतिक साझेदारी के तहत भारत के 28 स्थानों पर 28 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किये गये हैं और उनमें लगभग एक लाख 47 हज़ार किसानों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया है।
इसमें करीब 1200 विशेषज्ञों ने देश के 256 सूखाग्रस्त जिलों में पानी के संकट के समाधान के बारे में विचार मंथन किया।
उन्होंने कहा कि इजरायल भारत को अपनी तकनीक एवं अनुभव साझा कर रहा है जिससे भारत भी अपने संकटों से निजात पा सके।
महाराष्ट्र में मुंबई में बेतहाशा बारिश तथा राज्य के अन्य भाग में सूखे की समस्या के बारे में जिक्र किये जाने पर उन्होंने कहा कि मुंबई स्थित इजरायली महावाणिज्य दूतावास के समन्वय से महाराष्ट्र में पानी की समस्या को लेकर इजरायल सरकार का जल विभाग एक व्यापक कार्यक्रम तैयार कर रहा है।
इससे राज्य में पानी के संकट का प्रभावी समाधान हो सकेगा।
इजरायली प्रधानमंत्री बेजांमिन नेतन्याहू की भारत यात्रा रद्द होने के बारे में पूछे जाने पर श्री मलका ने कहा कि श्री नेतन्याहू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मुलाकात इजरायल के चुनाव के बाद होगी।
उन्होंने कहा कि भारत इजरायल के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण मित्रों में से एक है।