“गंदगी से आजादी” के लिये सहारनपुर में छिड़ी जंग

लखनऊ, स्वच्छता हमारे लिये बहुत जरूरी है। क्योंकि स्वच्छता व बीमारी एक दूसरे के पूरक है, जबतक हम अपने आसपास व खुद को साफ सुथरा रखते है तब तक किसी भी तरह का बीमारी नही होता है। जैसे ही गंदगी फैलाने लगता है बीमारी का प्रकोप बढ़ने लगता है।  स्वच्छता ही हमे बीमार होने से बचाती है

इसलिये शहर में स्वच्छता बनाये रखने के लिये सहारनपुर नगर निगम में “गंदगी से आजादी” अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के अंतर्गत आज वार्ड खलासी लाइन उत्तरी वार्ड नंबर 12 में स्वच्छता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें महत्वपूर्ण स्वच्छता संदेश आज दिये गये। 

कार्यक्रम मे बताया गया कि स्वच्छता के लिये कुछ खास बातों का ध्यान रखना है। पहला अपना कूड़ा हमेशा कूड़ेदान में ही डालें और कूड़े वाले को ही दें। सार्वजनिक स्थानों पर मत फेंकें। इसीके साथ -साथ कूड़े को अलग अलग करना भी बहुत जरूरी है।इसलिये गीले और सूखे कूड़े-कचरे को अलग-अलग कूड़ेदान में ही डालें। गीला कचरा रखने के लिए हरा कूड़ेदान और सूखे कूड़ा रखने के लिए नीले रंग का कूड़ेदान प्रयोग करें। 

कार्यक्रम मे आगे  बताया कि सूखा कूड़ा और गीला कूड़ा में क्या अंतर है? उन्होने  बताया कि प्लास्टिक, कांच, पन्नी , प्लास्टिक कवर बाेतलें, चिप्स टॉफी के रेपर , दूध दही के पैकेट और पॉलिथीन पैकेट, गत्ते के बॉक्स, कागज के बर्तन , पेपर कप और प्लेट, धातु के कैन , रबर, थर्माकॉल, प्रसाधन सामग्रियां और बाल आदि  सूखे कूड़े में आता है । जिसे हम नीले डस्टबिन में डालतें हैं।

वहीं, रसाेई का कचरा जैसे बचा हुआ भोजन, सब्जी, फल के छिलके, उबली चाय की पत्ती, चाय कॉफी के बैग, अंडे के छिलके, चिकन अवशेष हड्डियां, सडे  फल- सब्जियां, गंदा टिशू पेपर,  पत्ते के प्लेट्स, पूजा सामग्री ,फूल राख आदि गीले कूड़े में आता है। जिसे हम नीले डस्टबिन में डालतें हैं।

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