सचिवालय प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव महेश कुमार गुप्ता ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया है. शासन ने यह कदम कुछ महीने पूर्व एक स्टिंग में कुछ निजी सचिवों का नाम आने के बाद लिया है. मंत्री यदि दूसरी बार फिर से मंत्री बनते हैं तो पूर्व के कार्यकाल में उनके साथ 5 साल तक तैनात रहे अधिकारी/कर्मचारी फिर से उन्हें नहीं मिल पाएंगे.
महेश कुमार गुप्ता के मुताबिक भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए योगी सरकार ने यह कदम उठाया है. निजी सचिव, अपर निजी सचिव और समूह ‘ख’ और ‘ग’ के कर्मचारियों की तैनाती को समय सीमा में बांध दिया है. नई व्यवस्था में ऐसे अधिकारी/कर्मचारी अधिकतम 5 साल ही मंत्रियों के साथ तैनात रह सकते हैं.