देवरिया, प्रदूषण की रोकथाम और पर्यावरण सुधार की दिशा में कड़े कदम उठाने की वकालत करते हुये केन्द्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को कहा कि इलेक्ट्रिक, बायो गैस, बायो डीजल, ग्रीन हाईड्रोजन, बायो मिथेनॉल आदि गैर-पारम्परिक स्त्रोतों से संचालित वाहनों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए और इसमें अन्नदाता किसान महती भूमिका निभा सकते हैं।
देवरिया में छह हजार 200 सौ करोड़ रूपये से ज्यादा की लागत वाली पांच परियोजनाओं के शिलान्यास के मौके पर उन्होने कहा कि पर्यावरण सुधार की ओर ध्यान देने की जरूरत है। प्रदूषण से मुक्ति के लिये वाहनों में ईंधन के गैर परम्परागत स्त्रोत का उपयोग किया जाना चाहिए। इसके लिये इलेक्ट्रिक, बायो गैस, बायो डीजल, ग्रीन हाईड्रोजन, बायो मिथेनॉल आदि गैर-पारम्परिक स्त्रोतों से संचालित वाहनों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश के किसानों को अब ऊर्जा दाता बनाना होगा। यह प्रयास करने की जरूरत है कि हम ऊर्जा का आयात करने वाला देश नहीं, बल्कि निर्यात करने वाला देश के रूप में पहचान बनाये।
नितिन गडकरी ने कहा कि देश का चौतरफा विकास करना हमारी सरकार की जवाबदारी है। स्वराज को सुराज में बदलना उनकी सरकार का मिशन है और इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में काम हो रहा है। आज दुनिया में भारत की पहचान ताकतवर राष्ट्र के रूप में हो रही है। सड़कों के विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सड़कों के निर्माण और इससे जुड़ी अधो-संरचनाओं तथा परिवहन संबंधी परियोजनाओं में नई और उन्नत तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इससे जहाँ एक ओर लागत में बड़ी कमी आ रही है, वहीं दूसरी ओर गुणवत्ता में भी सुधार हो रहा है।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि देश में सड़कों का जाल बिछाने के साथ अब वह पेट्रोल-डीजल का प्रदूषण रहित विकल्पों को अपनाने की दिशा में काम किया जा रहा है जिसके तहत गन्ने के बाद अब मक्का समेत कई अन्य कृषि उत्पादों से इथेनॉल बनेगा। इस इथेनॉल से न सिर्फ गाडियां बल्कि मोटर इंजन चलाने के लिए डीजल और पेट्रोल के प्रति निर्भरता कम होगी. साथ ही यह प्रयोग देश के किसानों की आमदनी में भी वृद्धि करने वाला है।
नितिन गडकरी ने कहा कि देश में चीनी का आवश्यक से अधिक उत्पादन के साथ गेंहू, चावल और मक्के का उत्पादन आवश्यकता से अधिक है। इससे एमएसपी ज्यादा है और मार्केट प्राइस कम है। अब हम कृषि को ऊर्जा उत्पादन के रूप में बदलने की तैयारी में हैं। हम शुगर जूस, मक्के और चावल से इथेनॉल बना रहे हैं। हमारे देश में 450 करोड़ लीटर से अधिक इथेनॉल होता है।
उन्होने कहा कि इथेनॉल शामिल होने से भारत में न सिर्फ किसानों को लाभ हुआ।बल्कि देश में ईंधनों के आयात पर भी कमी आई जिससे करीब 40 हजार करोड़ का फायदा हुआ। खास तकनीक से पराली से ग्रीन हाइड्रोजन बनाया जा सकेगा, इससे न सिर्फ आयात में कमी आएगी. बल्कि लोगों का स्वास्थ्य सुधार और कृषि क्षेत्र में चमत्कारिक ग्रोथ देखे जाएंगे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अब ट्रिपल इंजन की सरकार आ जाने से प्रदेश का विकास और तेजी से होने लगा है। हमारी सरकार गरीबों, महिलाओं, युवाओं तथा किसानों के हितों के लिए विशेष रूप प्रतिबद्ध है। इनके लिए अनेकों योजनाओं को संचालित कर उनकों आगे बढ़ाने का कार्य सरकार द्वारा किया जा रहा है और प्रदेश विकास की गति पर तेजी से बढ़ रहा है।