वाराणसी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि अन्न दान की महत्ता भारतीयों से अधिक कोई नहीं समझ सकता है।
दुर्गाकुंड स्थित हनुमान प्रसाद पोद्दार अंध विश्वविद्यालय में भाई जी अन्न क्षेत्र के शुभारंभ कार्यक्रम में उन्होने कहा कि सनातन धर्म की परंपरा अन्न दान को पवित्र दान के रूप में लेती है। ‘अन्नम् ब्रह्म’ कहकर भारत की वैदिक परंपरा ने इसे अत्यंत महत्व दिया है। अन्न को ब्रह्म के स्वरूप में रखकर इस दान को पवित्र दान माना है। जिस व्यक्ति ने जीवन में कभी अन्नदान न किया हो, पुण्य कितने भी अच्छे क्यों न हों पर आत्मसंतुष्टि का भाव पैदा नहीं होता, भले ही उसे स्वर्ग का राज ही क्यों न मिल जाए। अन्नदान की महत्ता को किसी भारतीय से अधिक कोई नहीं समझ सकता। रामायण में भी इसके अनेक उदाहरण मिलेंगे। अध्ययनरत दृष्टिबाधितों बच्चों के साथ काशी आने वाले श्रद्धआलुओं के लिए किया गया यह कार्य अत्यंत पवित्र है।
मुख्यमंत्री यहां बच्चों से भी मुखातिब हुए और हालचाल जाना। सीएम यहां किचन की व्यवस्थाओं से भी अवगत हुए। उन्होने कहा कि दृष्टिबाधित विद्यालय में भाई जी की स्मृति में अन्न क्षेत्र का शुभारंभ होना सुखद अनुभूति का क्षण है।
जिन्हें हम विकलांग और समाज उपेक्षित मानता था, परिवार के लोग त्याज्य कर देते थे। उन्हें दिव्यांग कहकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके जीवन व समाज को नई दृष्टि दी है। इस संबंध में केंद्र व राज्य सरकार की ओर से अनेक कार्यक्रम चल रहे हैं। ट्रस्ट का यह कार्यक्रम भी ऐसा ही अभियान है। ऐसे कार्यक्रम धर्मार्थ संस्थाओं के कार्यक्रम बनने चाहिए। धर्मार्थ व सामाजिक संस्थाएं राष्ट्र-समाज के प्रति जिम्मेदारियों का ईमानदारी पूर्वक निर्वहन करना प्रारंभ कर देंगी तो समाज में अभाव, दुख-दरिद्रता के लिए कोई जगह नहीं होगी। सर्वत्र खुशी का माहौल होगा और रामराज्य की स्थिति होगी।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि जयदयाल गोयनका ने गोरखपुर में गीताप्रेस की स्थापना की। जब 100 वर्ष पहले कल्याण मासिक पत्रिका का प्रकाशन प्रारंभ हुआ और संपादक के रूप में सनातन धर्म के मर्म को समझने वाले व्यक्ति का चयन होना था तो इसके लिए हनुमान प्रसाद पोद्दार भाई जी का चयन हुआ। उन्होंने आजीवन इस व्रत को निभाया। साधन न होने के बावजूद उन्होंने कल्याण के माध्यम से घर-घर तक सनातन धर्म के मूल्यों को पहुंचाने का कार्य किया। सनातन धर्म की जो सेवा गीताप्रेस के माध्यम से हुई, वह सराहनीय है। धन्यवाद ज्ञापित करने के लिए शताब्दी समारोह के समापन कार्यक्रम में स्वयं प्रधानमंत्री गोरखपुर आए थे। इसका शुभारंभ राष्ट्रपति ने किया था।
उन्होने कहा कि सनातन धर्म कृति के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने वाला है। सनातन धर्म हमेशा पूर्वजों, परंपरा व समाज के लिए योगदान देने वाले महापुरुषों के प्रति कृतज्ञता का भाव व्यक्त करने की प्रेरणा देता है। ट्रस्ट ने भाई जी की स्मृतियों को नई जीवंतता प्रदान की है। ट्रस्टी केके खेमका ने ट्रस्ट की गतिविधियों से अवगत कराया।
इस अवसर पर प्रदेश सरकार के मंत्री रवींद्र जायसवाल, महापौर अशोक कुमार तिवारी, जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्या, विधायक डॉ. नीलकंठ तिवारी, भाजपा के जिलाध्यक्ष व एमएलसी हंसराज विश्वकर्मा, महामंडलेश्वर संतोष दास जी महराज ‘सतुआ बाबा’, ट्रस्ट से जुड़े केके जालान, अखिलेश खेमका, राकेश गोयल आदि मौजूद रहे।