विहिप सूत्रों के अनुसार पिछले महीने से अब तक करीब 20 ट्रक पत्थर आ चुके हैं। उन्हें रामसेवकपुरम् में रखा जा रहा है। पत्थरों को तराशने का काम भी वहीं चल रहा है। उन्हाेंने बताया कि औसतन आठ कारीगर प्रतिदिन पत्थर तराश रहे हैं।
विश्व हिन्दू परिषद के माडल के मुताबिक प्रस्तावित मंदिर की ऊंचाई 128 फीटए लम्बाई 269 फीट पांच इंच और चौड़ाई 140 फीट होगी। दो मंजिला प्रस्तावित मंदिर में कुल 212 खम्बे लगेंगे। प्रत्येक मंजिल पर 106 खम्बे होंगे। भूतल पर लगने वाले खम्बों की ऊंचाई 16 फीट आठ इंच जबकि पहली मंजिल पर खम्बों की ऊंचाई 14 फीट आठ इंच होगी।
प्रत्येक खम्बे पर 16 मूर्तियां बनेंगी। इन मूर्तियों और मंदिर के शिखर को मंदिर स्थल पर ही बनाया जायेगा ताकि पतली नक्काशी टूट न जाये। उन्होंने दावा किया कि मंदिर की फर्श समेत करीब 70 फीसदी पत्थर तराशे जा चुके हैं।
सितम्बर 1990 में स्थापित विश्व हिन्दू परिषद की इस कार्यशाला में बीच के एक-दो वर्षों को छोड़ लगातार पत्थरों को तराशा जा रहा है। विश्व हिन्दू परिषद का दावा है कि मंदिर निर्माण होने पर यही पत्थर उसमें लगाये जायेंगे।