नयी दिल्ली, उद्योग जगत ने राजनीतिक दलों को अगले पांच साल के दौरान आर्थिक क्षेत्र में अमल में लाये जाने वाले जरूरी सुधारों और 10 करोड़ से अधिक रोजगार पैदा करने के लिये सात सूत्रीय एजेंडे पर अमल का सुझाव दिया है।
उद्योगों ने खेती के क्षेत्र में आधुनिक तौर तरीके अपनाने, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के विस्तार, औद्योगिक क्षेत्र में चौथी औद्योगिक क्रांति लाने और सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के मामले में कारोबार सुगमता बढ़ाने, पर्यटन, निर्यात क्षेत्र में वृद्धि की रफ्तार बढ़ाने पर जोर दिया है।
उद्योगों के मुताबिक एमएसएमई क्षेत्र में यदि कारोबार सुगमता को और बेहतर बनाया जाता है तो क्षेत्र में अगले पांच साल के दौरान ढाई करोड़ नये रोजगार पैदा किये जा सकते हैं।
देश के सबसे पुराने पीएचडी वाणिज्य एवं उद्योग मंडल का मानना है कि चौथी औद्योगिक क्रांति और अगले दौर के आर्थिक सुधारों के बाद अगले पांच साल(2023- 24) तक 9 से 10 प्रतिशत तक की आर्थिक वृद्धि के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था 5,000 अरब डालर के स्तर तक पहुंच जायेगी।
पीएचडी मंडल की जारी विज्ञप्ति के अनुसार उसके अध्यक्ष राजीव तलवार ने कहा कि तीव्र आर्थिक वृद्धि के लिये पर्यटन क्षेत्र में तुरंत कदम उठाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि पर्यटन क्षेत्र न केवल विदेशी मुद्रा प्राप्ति के लिहाज से महत्वपूर्ण है बल्कि इस क्षेत्र में कुशल, अर्धकुशल और आम लोगों के लिये अगले पांच साल में ही चार करोड़ रोजगार के अवसर पैदा हो सकते हैं।
विज्ञप्ति के अनुसार, अर्थव्यवस्था में तेजी आने के साथ ही बेहतर परिवहन व्यवस्था की जरूरतें भी काफी बढ़ जाती हैं। विमान सेवाओं और अधिक संख्या में उड़ानों का होना जरूरी है। अधिक संख्या में टैक्सी सेवाओं की आवश्यकता होती है। इसके साथ ही शहर के भीतर और एक शहर से दूसरे शहर के लिये बेहतर बस सेवा होना भी जरूरी है।
राजीव तलवार ने कहा कि कृषि क्षेत्र पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है। कृषि क्षेत्र में अब स्मार्ट फार्मिंग की तरफ बढ़ा जाना चाहिये। परंपरागत खेती के क्षेत्र में व्याप्त बेराजगारी को अब कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण निर्यात में लगाया जाना चाहिये।
उन्होंने कहा कि कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण निर्यात को 2023- 24 तक मौजूदा 30 अरब डालर से बढ़ाकर 100 अरब डालर तक ले जाना चाहिये। इससे क्षेत्र में दो करोड़ नये रोजगार के अवसर पैदा होंगे। कृषि उत्पादों को देशभर में कहीं भी बेचने के लिये नियमों को सरल बनाया जाना चाहिये।
तलवार ने कहा कि विनिर्माण उद्योग में क्षमता और कुशलता बढ़ने से भारत को विनिर्माण क्षेत्र में दुनिया का बड़ा केन्द्र बनने की क्षमता है। इससे देश के सकल घरेलू उत्पाद में विनिर्माण क्षेत्र का हिस्सा 2023- 24 तक बढ़कर 25 प्रतिशत तक पहुंच जा सकेगा।
निर्यात कारोबार को नये सिरे से बेहतर बनाने की आवश्यकता है। निर्यात कारोबार के लिये बेहतर सुविधाओं का निर्माण कर अगले पांच साल के दौरान क्षेत्र में एक करोड़ नये रोजगार सृजित किये जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में खर्च बढ़ाकर जीडीपी का छह प्रतिशत तक किया जाना बेहतर होगा। प्रत्येक एक किलोमीटर के दायरे में एक स्कूल होना चाहिये और दस किलोमीटर के दायरे में एक कालेज होना चाहिये।
राजीव तलवार ने स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च को जीडीपी के ढाई प्रतिशत तक बढ़ाने का सुझाव दिया। समावेशी स्वास्थ्य और गुणवत्ता वाली शिक्षा के क्षेत्र में पांच साल के दौरान एक करोड़ नये रोजगार पैदा किये जा सकते हैं।