चुनाव आयोग ने पीएम मोदी की बायोपिक फिल्म और नमो टीवी पर उठाया ये कदम
April 10, 2019
नयी दिल्ली , चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जीवन पर आधारित फिल्म पीएम नरेन्द्र मोदी के प्रदर्शन पर रोक लगा दी है और नमो टीवी के मामले में वह दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी की रिपोर्ट का अध्ययन कर रहा है।
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा और चुनाव आयुक्त सुशील चंद्र एवं अशोक लवासा के हस्ताक्षर से आज यहां जारी आदेश के अनुसार 17वीं लोकसभा चुनाव में 10 मार्च से लागू आर्दश चुनाव आचार संहिता को देखते हुए इस फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाई है। इसबीच आयोग ने कल नमो टीवी के मामले में दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से कुछ स्पष्टीकरण मांगा था। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने आज चुनाव आयोग को अपनी रिपोर्ट सौंप दी। चुनाव आयोग के सूत्राें का कहना है कि आयोग इस रिपोर्ट का अध्ययन कर रहा है।
गौरतलब है कि विपक्षी दलों ने श्री मोदी पर बनी इस फिल्म पर रोक लगाने की मांग की थी और इस फिल्म को लेकर देश भर में विवाद खड़ा हो गया था। इस मामले को लेकर चुनाव आयोग से शिकायत भी की गयी थी। विपक्षी दलों ने अपनी शिकायत में कहा था कि इस फिल्म में सृजनात्मक आजादी के नाम पर एक पार्टी विशेष और एक उम्मीदवार विशेष को प्रचार दिया गया है और मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश की गयी है जो कि आर्दश चुनाव संहिता का उल्लंघन है। इसबीच नमो टीवी शुरू होने पर विपक्षी दलों ने इसे भी आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन बताते हुए इस पर रोक लगाने की मांग की थी।
आयोग ने आदेश में कहा है कि आर्दश चुनाव आचार संहिता के तहत इलेक्ट्रॉनिक मीडिया या किसी सिनेमा में इस तरह की प्रचार सामग्री के सार्वजनिक प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी जा सकती है। जिसमें केन्द्र में सत्तारुढ किसी दल या राजनीतिक पार्टी के उम्मीदवार की उपलब्धियों को चुनावी फायदे के लिए दिखाया गया हो। आयोग ने अपने आदेश में कहा है कि उच्चतम न्यायालय ने भी निष्पक्ष और मुक्त चुनाव कराये जाने के बारे में फैसला सुनाया है और यह संविधान के बुनियादी ढांचे के अनुरुप है।
उच्चतम न्यायालय ने नौ अप्रैल को इस फिल्म के संदर्भ में यह फैसला सुनाया था कि इस फिल्म से किसी राजनीतिक दल को चुनावी फायदा हो सकता है या नहीं इसके निर्णय का अधिकार चुनाव आयोग को है। इससे पहले चुनाव आयोग ने केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड को भी कहा था कि फिल्म के बारे में विचार करते समय वह आर्दश चुनाव आचार संहिता का ख्याल रखे। आयोग ने छह अप्रैल को अपने आदेश में कहा था कि किसी भी प्रिंट मीडिया में राजनीतिक विज्ञापन की अनुमति पहले आयोग से ली जाये। आयोग ने अपने आदेश में कहा है कि किसी सिनेमा से आर्दश चुनाव संहिता का उल्लंघन होता है तो उसकी शिकायत की जांच आयोग द्वारा गठित समिति करेगी। जिसकी अध्यक्षता उच्चतम न्यायालय के आवकाश प्राप्त न्यायाधीश या उच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त मुख्य न्यायाधीश करेंगे।