नई दिल्ली, राजनीतिक दलों एवं उम्मीदवारों के चुनावी खर्च में पारदर्शिता लाने, पेड न्यूज पर लगाम लगाने, चुनाव आयोग के दायरे में विस्तार करके देश में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सम्पन्न कराना सुनिश्चित करने के उद्देश्य से भाजपा सांसद वरूण गांधी का निजी विधेयक जन प्रतिनिधित्व अधिनियम संशोधन विधेयक 2016 लोकसभा में विचार के लिए रखा जायेगा।
लोकसभा सचिवालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने संविधान के अनुच्छेद 117 (3) के तहत सांसद फिरोज वरूण गांधी के निजी विधेयक जन प्रतिनिधित्व अधिनियम संशोधन विधेयक 2016 पर लोकसभा में विचार करने को मंजूरी प्रदान कर दी है। वरूण गांधी ने कहा कि चुनावी लोकतंत्र में चुनाव के वित्त पोषण में पारदर्शिता सबसे महत्वपूर्ण है। चुनाव में उम्मीदवारों के चुनावी खर्च की सीमा और राजनीतिक दलों के बारे मेें हालांकि कानूनी प्रावधान हैं लेकिन इसका ठीक ढंग से नियमन नहीं हो पाता है। ऐसा कानून में खामियों या उसका ठीक ढंग से अनुपालन नहीं होने के कारण हो रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे में उनकी ओर से पेश जन प्रतिनिधित्व अधिनियम में संशोधन का विधेयक इस दिशा में एक ऐसी पहल है जो पारदर्शिता सुनिश्चित करने में सहायक होगा। विधेयक के कारण एवं उद्देश्यों में कहा गया है कि चुनाव सुधार पर राष्ट्रीय आयोग के परामर्श पत्र 2001 में अनुमान लगाया गया है कि उम्मीदवारों के चुनाव अभियान का खर्च उनकी ओर से घोषित राशि का 20 से 30 गुणा अधिक होता है। वरूण गांधी की ओर से पेश निजी विधेयक में कहा गया है कि अगर किसी उम्मीदवार या राजनीतिक दल की ओर से दिखाये गए खर्च में कोई खामी पायी जाती है तब ऐसे मामलों में चुनाव आयोग के पास अभियोग चलाने का अधिकार होना चाहिए। इसमें कहा गया है कि चुनावी कदाचार पर लगाम लगाने के लिए भारतीय चुनाव आयोग के अधिकार क्षेत्र में पेड न्यूज को लाया जाना चाहिए जिसके कारण अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दुरूपयोग करते हुए जनमत को प्रभावित करने का कार्य किया जाता है।