जल्द ही देश मे शिक्षा भी एक व्यवसाय होगी। दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) ने कहा है कि विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की नैरोबी मंे होने वाले सम्मेलन मंे भारत द्वारा समझौता करने की संभावना है जिससे देश मंे शिक्षा एक व्यवसाय की तरह हो जाएगी। सरकार इस अंतरराष्ट्रीय दबाव को देखते ही शिक्षा मंे कोई सब्सिडी नहीं देना चाहती है और इसीलिए एमफिल और पीएचडी छात्रांे की छात्रवृति बंद की गई है। डूटा के नेताओं का कहना है कि एक तरफ तो सरकार उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने की बात करती है दूसरी तरफ शोध्ाार्थियांे की छात्रवृति बंद कर रही है, ऐसे मंे शिक्षा महज एक खिलवाड़ बनकर रह गयी है।
एमफिल और पीएचडी छात्रांे की छात्रवृत्ति बंद किये जाने के खिलाफ छात्रांे का आक्रोश बढ़ता जा रहा है और उनके इस आंदोलन के समर्थन मंे अब शिक्षक भी उतर आये हंै। छात्रवृत्ति के तहत एमफिल के छात्रांे को हर महीने पांच हजार तथा पीएचडी के छात्रांे को आठ हजार रुपये प्रतिमाह छात्रवृत्ति दिये जाते हंै। छात्र विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सामने अपना ध्ारना प्रदर्शन कर रहे हैं।