मथुरा, कान्हा नगरी मथुरा में मिनी कुंभ के नाम से अनूठी पहचान बना चुके गोवर्धन के मुड़िया पूनों मेले के लिये जिला प्रशासन ने कमर कस ली है और मेले को सकुशल संपन्न कराने के लिये व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
यूं तो गोवर्धन की परिक्रमा वर्ष पर्यन्त अनवरत चलती रहती है लेकिन मुड़िया पूनों पर परिक्रमा करने वाले श्रद्धालुओं की तादाद कई गुना बढ़ जाती है। सरकार ने कई वर्ष पूर्व इसे राजकीय मेला घोषित कर दिया है, इसलिए मेले के लिए प्रशासन की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है।
मेला अधिकारी अपर जिलाधिकारी विजय शंकर दुबे ने बताया कि प्रशासनिक स्तर पर यह मेला 29 जून यानी अषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की देवशयनी एकादशी से प्रारंभ हो रहा है और तीन जुलाई यानी आषाढ़ मास की पूर्णिमा या व्यास पूर्णिमा तक चलेगा।
उन्होंने बताया कि मेले में तीर्थयात्रियों के आवागमन के लिए 1500 बसें लगाई गई हैं और आवश्यकता पड़ने पर बसों की संख्या बढ़ाई जा सकती है। मेले में शुद्ध खाद्य पदार्थ की बिक्री को भी सुनिश्चित किया गया है।
दानघाटी मन्दिर गोवर्धन के सेवायत मथुरा प्रसाद कौशिक ने बताया कि हर साल प्रशासन के अनुमान के विपरीत यह मेला निर्धारित तिथि से एक या दो दिन पहले शुरू हो जाता है तथा मेला समाप्ति के बाद भी एक या दो दिन चलता रहता है तथा प्रशासन को अपनी व्यवस्थाएं बढ़ानी पड़ती हैं। इस मेले में लगभग दो करोड़ श्रद्धालु पतित पावनी मानसी गंगा में स्नान कर गिर्राज की सप्तकोसी परिक्रमा करते हैं।
मेला अधिकारी दुबे के अनुसार व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए पूरे मेला क्षेत्र को नौ सुपर जोन, 21 जोन एवं 62 सेक्टर में बांटा गया है। सुपरजोन की जिम्मेदारी अपर जिलाधिकारी स्तर के अधिकारी संभालेंगे वहीं जोन की जिम्मेदारी एसडीएम/डिप्टी कलेक्टर स्तर के अधिकारी अधिकारी । सेक्टर की जिम्मेदारी तहसीलदार/ नायब तहसीलदार स्तर के अधिकारी संभालेंगे।
उन्होने बताया कि मेले की व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दिया जा रहा है। मेले में अनवरत विद्युत आपूर्ति को सुनिश्चित किया गया है। पीने के पानी तथा सफाई की भी समुचित व्यवस्था की गई है।