जालंधर, 17 साल की रैपर गिन्नी माही अपने गानों से दलितों की आवाज को उठा रही हैं। गिन्नी माही पंजाब के जाटव समुदाय से वास्ता
रखती हैं और वे इसे अपना गर्व समझती हैं। माही दलित पॉलिटिक्स पर गाए अपने गाने से फेमस हो गई हैं।
गिन्नी माही का उनकी ही जाति चमार पर ही एक बड़ा ही हिट गाना है- ‘कुर्बानी देनो डरदे नहीं, रेंहदें है तैयार, हैगे असले तो वड डेंजर चमार।’ इस गाने को बनाने का खयाल गिन्नी को तब आया जब उनकी जाति पर उनकी एक क्लासमेट ने टिप्पणी कर दी। गिन्नी बताती हैं कि ‘डेंजर चमार गाने का ख्याल उन्हें तब आया जब उनकी एक क्लासमेट ने उनकी जाति पूछी और जब उसे पता चला कि वो एससी कैटेगरी से हैं तो उनकी क्लासमेट ने कहा यार चमार बड़े डेंजरस हो गए हैं। एक कार्यक्रम में अपनी पहचान बताते हुए गिन्नी ने बताया था कि चमार क्या है? च से चमड़ा, मा से मांस और र से रक्त। हम सभी चमड़े, मांस और खून से बने हुए हैं।
रैपर गिन्नी माही बाबा साहिब डा० भीमराव अम्बेडकर से बहुत प्रभावित हैं। बाबा साहिब के संदेशों को न केवल वह अपने गीतों के माध्यम से लोगों तक पहुंचाती हैं , बल्कि स्वयं अपने जीवन मे भी उतारती हैं। गिन्नी माही को विदेशों में शोज करने के आफर आ चुके हैं, लेकिन पढ़ाई के लिए उन्होंने शो ठुकरा दिये । फरवरी २०१६ में ही इटली में शो करने के लिए बुलाया गया था, लेकिन इस बार भी गिन्नी ने जाने से इंकार कर दिया। गिन्नी ने कहा कि वह बाबा साहिब डा० भीमराव अम्बेडकर का संदेश ‘पढ़ो जुड़ो ते संघर्ष करो’ अपने गीतों के माध्यम से समाज को देती हैं, ऐसे में वह अपनी पढ़ाई छोड़कर विदेशों में शो करने कैसे जा सकती थीं। उन्होंने कहा कि पहले वह पोस्ट ग्रेजुएशन तक पढ़ाई पूरी कर लें फिर विदेशों में शो करने के बारे में सोचेगी। माही पीएचडी करना चाहती है।
अपने पंजाबी रैप सॉन्ग से रैपर गिन्नी माही दुनियाभर में पहचान बना चुकीं हैं। रैपर गिन्नी माही के सॉन्ग आजकल सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। फेसबुक पर माही के हजारों फॉलोवर्स हैं और यू-ट्यूब पर उनके गानों को लाखों बार देखा जा चुका है। माही के गानों में पंजाबी रैप के अलावा पंजाबी लोकगीत, हिप हॉप और उनका डांस भी होता है। इस साल उनका गुरु नानक देव महाराज पर सिंगल ट्रैक गाना मार्केट में आएगा।