नई दिल्ली, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय उन लोगों के लिए भी राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा को अनिवार्य बना दिया है जो विदेशी विश्वविद्यालयों में मेडिकल की पढ़ाई करना चाहते हैं। सरकारी और निजी कॉलेजों में प्रवेश के लिए 2016 में नीट की शुरूआत की गई थी।
बयान के मुताबिक यह संज्ञान में आया है कि विदेशी चिकित्सा संस्थान/विश्वविद्यालय भारतीय छात्रों का प्रवेश करने के पहले उचित आकलन नहीं करते हैं या स्क्रीनिंग टेस्ट नहीं लेते हैं। इस कारण बहुत से छात्र स्क्रीनिंग टेस्ट में असफल हो जाते हैं।
इस संबंध में भारतीय चिकित्सा परिषद ने स्क्रिनिंग टेस्ट नियमावली 2002 में संशोधन करने का प्रस्ताव दिया है। इसके अन्तर्गत विदेश में चिकित्सा पाठ्यक्रम में नामांकन के लिए नीट में सफल होना अनिवार्य बनाया गया है।