लखनऊ, उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने रविवार को सभी राजनीतिक दलों के नेताओं से सोमवार से शुरू हो रहे विधानसभा के मानसून सत्र के सुचारु संचालन में सहयोग का अनुरोध किया।
यहां संपन्न सर्वदलीय बैठक के दौरान श्री महाना ने कहा कि संसदीय प्रणाली में संवाद और सकारात्मक चर्चा से लोकतंत्र मजबूत होता है। सभी दलों के नेताओं ने अध्यक्ष को सदन चलाने में सहयोग करने का आश्वासन दिया।
महाना ने कहा कि यूपी विधानसभा देश की सबसे बड़ी विधानसभा है। उन्होंने कहा, “यूपी विधानसभा की कार्यवाही पूरे देश की विधानसभाओं के लिए एक मानक और आदर्श प्रस्तुत करती है। सदन में बहस सौहार्दपूर्ण माहौल में होनी चाहिए। पिछले सत्र में जिस तरह सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने सहयोग किया, इस बार भी यही उम्मीद है।”
संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने सभी पार्टी नेताओं को आश्वासन दिया कि सरकार विकास को नई गति देने और आगे बढ़ाने के लिए गंभीरता से काम करेगी। उन्होंने कहा, “ सरकार सभी मुद्दों पर सकारात्मक कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है।”
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले एक साल में यूपी विधानसभा नवाचार के लिए जानी जा रही है। उन्होंने कहा, “ यूपी में जो नवाचार देखा गया, वह देश की किसी भी विधानसभा में नहीं देखा गया। इस नवाचार से यूपी की जनता और आने वाले मेहमानों को विधानसभा के बारे में जानने का मौका मिलेगा।”
उन्होंने कहा कि सदन में स्वस्थ चर्चा से राज्य का विकास होता है और लोगों की समस्याओं का समाधान होता है। उन्होंने सभी दलों से सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने में सहयोग की अपेक्षा की।
मुख्यमंत्री ने सदन को सार्थक चर्चा का माध्यम बताते हुए कहा कि सात अगस्त से शुरू होने वाले मानसून सत्र को संसदीय मर्यादाओं के अनुरूप आयोजित किया जाना चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव की जगह समाजवादी पार्टी (सपा) के मुख्य सचेतक मनोज पांडे, राष्ट्रीय लोक दल विधायक दल के नेता राजपाल सिंह बालियान, अपना दल (सोनेलाल) के नेता राम निवास वर्मा, निषाद पार्टी के संजय निषाद, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता ओम प्रकाश राजभर, सीएलपी नेता आराधना मिश्रा ‘मोना’, जनसत्ता दल (डेमोक्रेटिक) के नेता रघुराज प्रताप सिंह ‘राजा भैया’, बहुजन समाज पार्टी के नेता उमाशंकर सिंह ने सर्वदलीय बैठक में हिस्सा लिया।