लखनऊ, हिंदी साहित्य को समर्पित उपक्रम ‘हिन्दवी’ ने अपनी स्थापना की तीसरी वर्षगाँठ के अवसर पर रविवार को भव्य साहित्यिक-सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘हिन्दवी उत्सव’ का आयोजन किया जिसमें देश के जानेमाने साहित्यकारों और बुद्धिजीवियों ने अपने विचार प्रस्तुत किये।
संगीत नाटक अकादमी में आयोजित कार्यक्रम में हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार शिवमूर्ति ने हिंदी साहित्य के संरक्षण और प्रचार के महत्व पर अपनी बहुमूल्य अंतर्दृष्टि साझा की और कहा कि आने वाले समय में साहित्य अब काग़ज़ तक ही सीमित नहीं रहेगा, तकनीक बहुत आगे जा चुकी है। तकनीक के इस बदलाव का बेहतरीन उपयोग रेख़्ता फाउंडेशन और हिन्दवी ने किया है। आज के समय में लोग फ़ायदे के लिए निवेश करते है। साहित्य में निवेश धन का सर्वोत्तम उपयोग है।
इस अवसर पर ‘कठिन समय में कटाक्ष’ विषय पर परिचर्चा आयोजित की गई जिसमें सुप्रसिद्ध व्यंग्यकार ज्ञान चतुर्वेदी, कथाकार अखिलेश और लेखिका शालिनी माथुर ने शिरकत की। परिचर्चा में वक्ताओं ने समकाल में अभिव्यक्ति की आवश्यकता और इसके ख़तरों पर बौद्धिक संवाद प्रस्तुत किया।
आयोजन के द्वितीय सत्र में ‘कविता-पाठ’ का आयोजन किया गया जिसमें समादृत कवि अरुण कमल, कुमार अम्बुज, अजंता देव, सविता भार्गव और कवि-गीतकार यश मालवीय ने भाग लिया। विभिन्न विषयों पर प्रस्तुत कविताओं ने न केवल एक संवाद का निर्माण किया बल्कि दर्शकों का भरपूर मनोरंजन भी किया. कार्यक्रम का संचालन नवोदित कवयित्री नाज़िश अंसारी द्वारा किया गया।