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मोदी सरकार के इस अंतिम संसदीय सत्र मे, राम मंदिर पर आयेगा विधेयक ?

नई दिल्ली , लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार पर राम मंदिर पर संसद में कानून लाने का काफी दबाव है. साधु-संत और आरएसएस समेत कई हिंदूवादी संगठनों ने इस संबंध मे मोदी सरकार को अल्टीमेटम दे रखा है.

संसद का शीतकालीन सत्र 11 दिसंबर से शुरू होने जा रहा है, जो आठ जनवरी 2019 तक चलेगा। मंत्रिमंडल की संसदीय मामलों की समिति (CCPA) ने संसद का शीतकालीन सत्र 11 दिसंबर से 8 जनवरी तक बुलाने की सिफारिश की है। अगले लोकसभा चुनावों से पूर्व नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का यह अंतिम पूर्ण संसदीय सत्र होगा।

इस शीतकालीन सत्र में कई विधेयक पारित होने और कई विधेयकों के पेश होने की उम्मीद हैं. खास तौर पर राम मंदिर पर संसद में विधेयक आने की उम्मीद है. आरएसएस समेत कई हिंदूवादी संगठन और संत समाज मोदी सरकार से संसद में राम मंदिर पर कानून लाने की मांग कर रहे हैं। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक‎ मोहन भागवत पहले ही कह चुके हैं कि अब राम मंदिर के लिए कानून बनाना चाहिए।

इसके अलावा आरएसएस नेता और राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने भी संसद में राम मंदिर पर प्राइवेट मेंबर बिल लाने की बात कही है। राकेश सिन्हा ने कहा कि अगर विपक्ष के नेता उन्हें बिल पर कोई सुझाव देना चाहते हैं, तो दे सकते हैं।

जिस तरह राम मंदिर निर्माण का मुद्दा भारतीय राजनीति का केंद्र बना हुआ है और मोदी सरकार पर लगातार संघ, भाजपा समर्थकों और राम के प्रति आस्था रखने वाले हिंदूवादी संगठनों का दबाव लगातार बढ़ रहा है, उसे देखते हुये इस बात की संभावना प्रबल है कि भावनाओं को ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार सदन में राम मंदिर के लिए क़ानून ला सकती है।