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रोके जाने को लेकर, अखिलेश यादव व समाजवादी पार्टी की, जबर्दस्त प्रतिक्रिया

लखनऊ ,  समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रयागराज जाने से रोके जाने की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुये कहा कि तानाशाही रवैये पर उतारू उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पता होना चाहिये कि उनके (अखिलेश) साथ किये गये दुर्व्यवहार की पुनरावृत्ति पर भविष्य में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के साथ भी हो सकती है।

अखिलेश यादव ने यहां पार्टी मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उन्हे पुलिस के अधिकारियों ने हवाई अड्डे पर जहाज में चढ़ने से रोका जब वह इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष उदय यादव के कार्यक्रम में भाग लेने जा रहे थे । जहां उन्हे अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेन्द्र गिरि के साथ भोजन पर भी आंमत्रित किया गया था।

उन्होने कहा कि विश्वविद्यालय जाने के लिये उन्होने संबधित जिला प्रशासन को पहली बार 27 दिसम्बर 2018 और फिर दो फरवरी को अपना कार्यक्रम भेजा था ताकि उन्हे तैयारी का समय मिल सके।

समाजवादी पार्टी  के प्रमुख अखिलेश यादव को प्रयागराज जाने से रोकने के विरोध में पार्टी सदस्यों ने मंगलवार को जबरदस्त हंगामा किया जिससे दो बार के स्थगन के बाद सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गयी। बजट सत्र का कल अंतिम दिन है और सदन में न तो राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हो सकी और ना ही बजट पर।

एक बार के स्थगन के बाद जब भोजनावकाश के उपरांत सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो सपा और तृणमूल के सदस्य सरकार के खिलाफ नारेबजी करते हुए सभापति के आसन के पास पहुँच गये।उपसभापति हरिवंश ने सदस्यों से बार-बार शांत रहने और सदन को चलने देने का अनुरोध किया लेकिन सदस्य नहीं माने । इस बीच शोर-शराबे में ही श्री हरिवंश ने केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ल को अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण विधेयक 2019 पेश करने को कहा। विपक्षी सदस्यों ने इसका पुरजोर विरोध किया लेकिन श्री शुक्ल ने हंगामे में ही इसे पेश कर दिया।

इसके बाद सूचना प्रसारण राज्य मंत्री राज्यवर्धन राठौर ने भी हंगामे में दी सिनेमेट्रोग्राफ (संशोधन)विधेयक पेश कर दिया।विपक्षी सदस्यों का हंगामा तेज हो गया। श्री हरिवंश ने बार-बार सदस्यों से कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा करना संवैधानिक दायित्व है ,इसलिए इस पर चर्चा होने दें। उन्होंने यह भी कहा कि अभी बजट पर भी चर्चा शुरू नहीं हुई है,इसलिए आपसे अनुरोध है कि आप सदन चलने दें।

उन्होंने कहा कि कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में सदन को चलने पर सहमति हुई है लेकिन सदस्य नहीं माने जिस पर श्री हरिवंश ने आध घंटे तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।आधा घंटे के बाद जब सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो सपा और तृणमूल के सदस्य पहले की तरह हंगामा करते हुए आसन के पास आ गये और ‘लोकतंत्र में तानाशाही नहीं चलेगी’ के नारे लगाने लगे। श्री हरिवंश ने सदस्यों से फिर बार-बार अनुरोध किया लेकिन वे नहीं माने । इसके बाद उपसभापति ने सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।