लखनऊ, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार के कारण कमजोर वर्गों में अपने सम्मान की सुरक्षा को लेकर आशंका व्याप्त हो गयी हैं। अनुसूचित जाति/जनजाति (एससी/एसटी) अत्याचार निवारण अधिनियम के सम्बंध में भाजपा सरकार ने उचित पैरवी नही की। इससे दलित समाज के हित प्रभावित होंगे।
अखिलेश यादव ने कहा है कि केन्द्र की भाजपा सरकार ने अब तक जनहित की तो कोई योजना लागू नहीं की उल्टे समाज के दलित, वंचित और पिछड़ों के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया है। श्रमिकों की कहीं सुनवाई नहीं है। पिछड़ों को किनारे कर दिया गया है और दलितों की सुरक्षा के लिए बने कानून खत्म किये जाने से उनका उत्पीड़न बढ़ेगा।
अखिलेश यादव ने कहा कि दलित समाज सदियों से सामंती तत्वों के उत्पीड़न का शिकार रहा है। आज भी उनको शासन -प्रशासन में आरक्षण के बावजूद उचित स्थान नहीं मिलता है। बड़ी तादाद में दलित समाज अमानवीय स्थितियों में जीवन यापन करने को मजबूर है। अब उनको अपनी आवाज उठाने और अपना हक लेने से भी वंचित करने की कोशिशें हैं। भाजपा की मानसिकता दलित विरोधी है। भाजपा और आरएसएस आरक्षण को ही खत्म करना चाहते हैं। यदि भाजपा सरकार की नीयत ठीक हों तो उसे उच्चतम न्यायालय में समीक्षा याचिका दाखिल करनी चाहिए।