अमर सिंह का यह बयान खोलता है, शिवपाल सिंह की बगावत के पीछे का राज ?
August 29, 2018
लखनऊ, समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव समाजवादी सेक्युलर मोर्चा बनाकर बड़ा धमाका किया है. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इसके पीछे बीजेपी का हाथ होने के संकेत दियें हैं. उन्होने एक दिन पूर्व राज्यसभा सांसद अमर सिंह के दिये बयान को इस बगावत से जोड़ा है.
कल अमर सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा ‘मैंने बीजेपी के शीर्ष नेता से शिवपाल के लिए बात की थी. बैठक के लिए समय भी तय हो गया था, लेकिन शिवपाल नहीं पहुंचे. शिवपाल शिल्पकार नहीं, मुलायम की अच्छी कृति हैं. शिवपाल ने किसी की इज्जत नहीं लूटी. किसी के साथ छेड़छाड़ नहीं की. मुझ पर उनकी कोई राजनीतिक जिम्मेदारी नहीं है. मैं उनके संपर्क में नहीं हूं.’ इस बारे में और खुलासा करने के सवाल पर उन्होंने कहा ‘शिवपाल तो आप लोगों के आसपास ही रहते हैं. आप उनसे पूछ सकते हैं.
वहीं आज समाजवादी सेक्युलर मोर्चा की घोषणा करते हुये शिवपाल सिंह यादव ने कहा, ‘सपा के अच्छे कार्यकर्ताओं के लिए मैंने समाजवादी सेक्युलर मोर्चा बनाया है, उन्हें पद देना शुरू किया है.’ उन्होंने सपा के लोगों से अपील की है जो भी चाहते हैं वे इस मोर्चा का हिस्सा बन सकते हैं. साथ ही उन्होने कहा कि वह सपा मे उपेक्षित लोगों को सम्मान दिलाने के लिये किसी भी दल से हाथ मिला सकतें हैं.वैसे साल 2017 में यूपी विधानसभा चुनाव का परिणाम आने से पहले ही शिवपाल यादव ने समाजवादी पार्टी सेक्युलर मोर्चा बनाने की घोषणा की थी.
शिवपाल यादव के अप्रत्याशित राजनैतिक कदम पर, टिप्पणी करते हुये अखिलेश यादव ने कहा कि इस बात को तो मैं नहीं कहता. लेकिन अगर आज और कल की कुछ बातों पर गौर करें तो शक तो होता है. बीजेपी ध्यान भटकाने में माहिर है. मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश को सफल नहीं होने दिया जाएगा. सभी दल मिलकर बीजेपी को सबक सिखाने का काम करेंगे. जनता भी बेसब्री से चुनाव का इन्तजार कर रही है.
अखिलेश यादव ने शिवपाल सिंह यादव के समाजवादी सेक्युलर मोर्चा की घोषणा और अमर सिंह के कल दिये बयान का जिक्र किया है जिसमे अमर सिंह ने शिवपाल को शीर्ष बीजेपी नेता से मिलाने की बात कही है. दोनों बातों से स्पष्ट है कि बीजेपी यूपी मे समाजवादी पार्टी की ताकत को कमजोर करने के लिये शिवपाल सिंह यादव का सहारा ले रही है. शिवपाल सिंह यादव को आगे करके वह समाजवादी पार्टी की ताकत को बांटने का काम कर रही है.