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‘अखिल भारतीय उच्च शिक्षा सर्वेक्षण’ के अनुसार, देश में पीएचडी का है ये हाल

नयी दिल्ली, मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा कराए गए ‘अखिल भारतीय उच्च शिक्षा सर्वेक्षण’ के मुताबिक देश में पीएचडी का हाल अच्छा नही है।मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा कराए गए ‘अखिल भारतीय उच्च शिक्षा सर्वेक्षण’ के मुताबिक देश में केवल 2.5 प्रतिशत कॉलेज पीएचडी कार्यक्रम संचालित करते हैं और सबसे ज्यादा विज्ञान वर्ग के छात्र पीएचडी के लिए नामांकन कराते हैं। देश में पीएचडी करने वाले छात्रों की संख्या 1,69,170 है, जो कुल पंजीकृत छात्रों का 0.5 प्रतिशत से भी कम है

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इस वार्षिक सर्वेक्षण के लिए उच्च शिक्षा संस्थानों को तीन श्रेणियों में बांटा गया- विश्वविद्यालय, कॉलेज और स्वतंत्र संस्थान। वर्ष 2018-19 के सर्वेक्षण में कुल 962 विश्वविद्यालय, 38179 कॉलेज और 9190 स्वतंत्र संस्थान शामिल हुए। सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, “केवल 2.5 प्रतिशत कॉलेज पीएचडी कार्यक्रम संचालित करते हैं और 34.9 प्रतिशत कॉलेज परास्नातक स्तर तक के कार्यक्रम संचालित करते हैं।

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पीएचडी स्तर पर सबसे ज्यादा छात्र विज्ञान वर्ग के हैं और इसके बाद इंजीनियरिंग तथा प्रौद्योगिकी वर्ग का स्थान है। दूसरी ओर परास्नातक स्तर पर सबसे अधिक छात्र सामाजिक विज्ञान वर्ग के हैं और इसके बाद प्रबंधन वर्ग का स्थान है।” सरकारी विश्वविद्यालयों में पीएचडी छात्रों की सबसे अधिक संख्या (34.3 प्रतिशत) है, जिसके बाद राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों (21.6 प्रतिशत), मानद विश्वविद्यालयों-निजी (21.6 प्रतिशत) और राज्य निजी विश्वविद्यालयों (13.4 प्रतिशत) का स्थान है। रिपोर्ट के मुताबिक 79.8 प्रतिशत छात्र स्नातक स्तर के कार्यकमों में नामांकन कराते हैं।

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रिपोर्ट में कहा गया है कि स्नातक स्तर में “सबसे अधिक छात्र” बीए में पंजीकरण कराते हैं, जिसके बाद बीएसई और बीकॉम का स्थान है। स्नातक स्तर पर सबसे अधिक छात्र (35.9 प्रतिशत) कला, मानविकी और सामाजिक विज्ञान के पाठ्यक्रमों में पंजीकरण कराते हैं। विज्ञान में 16.5 प्रतिशत, इंजीनियरिंग तथा प्रौद्योगिकी में 13.5 प्रतिशत और वाणिज्य में 14.1 प्रतिशत छात्र पंजीकरण कराते हैं। करीब 34.8 प्रतिशत कॉलेज एक ही वर्ग के पाठ्यक्रमों का संचालन करते हैं और इनमें से 83.1 प्रतिशत निजी कॉलेज हैं।

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