नयी दिल्ली, पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव ने आरोप लगाया है कि अनुसूचित जातियों के खिलाफ अपराध की घटनायें 40 प्रतिशत औऱ अनुसूचित जनजातियों के खिलाफ 118 प्रतिशत बढ़ी हैं । भारतीय जनता पार्टी के पास विकास का कोई ठोस कार्यक्रम नहीं है और वह हिन्दू-मुस्लिम को आपस में विभाजित करने तथा अपना साम्प्रदायिक एजेंडा लागू करने में जुटी है ।
शरद यादव ने जारी बयान में आरोप लगाया कि देश में अधिकांश लोग परेशान हैं, चाहे वे दलित, पीड़ित और शोषित हों या छात्र, कर्मचारी और व्यापारी। सत्तारूढ पार्टी से जुड़े संगठनों के लव जिहाद, गौ रक्षक आदि के नाम पर हिंसा के कारण विशेष रूप से दलित, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति और अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों में भय व्याप्त है ।
उन्होंने पुणे के युद्ध स्मारक की घटना की चर्चा करते हुए कहा कि वहां हर वर्ष दलित श्रद्धांजलि देने जाते हैं, लेकिन सरकार वहां कानून व्यवस्था बनाये रखने में विफल रही। हरेक दिन इस प्रकार की घटनायें कहीं न कहीं होती ही है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो ;एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार अनुसूचित जातियों के खिलाफ अपराध की घटनायें 40 प्रतिशत बढ़ी हैं, जबकि अनुसूचित जनजातियों के खिलाफ यह आंकड़ा 118 प्रतिशत का है ।