महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित सुरेश मिश्रा ने आज पानीपत फिल्म का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि फिल्मों में ऐतिहासिक तथ्यों के साथ जिस प्रकार से छेडछाड हो रही है ये सरासर गलत है। हमारे देश के इतिहास को इस प्रकार की फिल्में बनाकर तोड़-मरोड़कर पेश करने का एक षड़यंत्र चल रहा है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
पंडित मिश्रा ने कहा कि फिल्म सेंसर बोर्ड को तुरन्त प्रभाव से इस फिल्म को रोकने की कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने इस संदर्भ में फिल्म सेंसर बोर्ड के चैयरमेन प्रसून जोशी को एक पत्र लिखकर कहा है कि आप अपनी नैतिकता खो रहे है और सेंसर बोर्ड का जो काम है वह नहीं हो रहा हैं वरन ऐसी फिल्मों का सेंसर बोर्ड सटिर्फिकेट देकर ऐतिहासिक तथ्यों से छेडछाड को बढावा दे रहे है।
उन्होंने पत्र में कहा कि पूर्व में भी सर्व ब्राह्मण महासभा ने झांसी की रानी लक्ष्मीबाई पर बनी फिल्म ‘‘मर्णिकर्णिका’’ फिल्म में अग्रेंज अफसर के साथ फिल्मांकन किये गये गाने का कड़ा विरोध कर हटवाया था और पदमावती फिल्म के समय में भी पुरे देश में भारी विरोध किया था। उन्होंने कहा कि सेंसर बोर्ड स्वयं इस मामले में आगे बढकर पूरे राजस्थान में हो रहे विरोध के मद्देनजर श्री गोवारिकर को ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ नहीं करने के निर्देश जारी तथा फिल्म के प्रदर्शन को तुरंत प्रभाव से रोका जाना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि फिल्म में पूर्व महाराजा सूरजमल के गलत चित्रण को लेकर उनके वंशज एवं पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह के फिल्म का विरोध करने के बाद इसका विरोध बढ़ता ही जा रहा है।