मुख्य चुनाव अधिकारी को न हटाने से नाराज जनता के आगे, बेबस हुये मुख्यमंत्री
November 8, 2018
एजल, मिजोरम की स्थानीय जनता की मुख्य चुनाव अधिकारी एस बी शशांक को लगातार हटाने मांग नित दिन नया मोड़ ले रही है और इससे नाराज भीड़ ने मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष लल थनहवला को उनके गढ़ सेरछिप विधानसभा क्षेत्र से नामांकन पत्र दाखिल नहीं करने दिया।
सूत्रों के अनुसार यह घटना मंगलवार उस समय हुई जब लल थनहवला अपना नामांकन पत्र भरने के लिए अपने निर्वाचन क्षेत्र सेरछिप पहुंचे।मुख्यमंत्री के पहुंचने की सूचना मिलते ही स्थल पर भारी भीड़ एकत्रित हो गयी और पहले सीईओ शशांक को कार्यालय और राज्य से बाहर निकालने की मांग करने लगे। तभी मुख्यमंत्री नामांकन पत्र दाखिल कर सकेंगे।
सूत्रों के अनुसार नाम न छापने की शर्त पर बताया “यह जनता की मांग है और मुख्यमंत्री ने इसका सम्मान किया। मुख्यमंत्री को कोई दिक्कत नहीं हुई और न ही कोई सुरक्षा का खतरा था।”मिजोरम की राजनीति में श्री लल थनहवला का बड़ा नाम है। वह 2008 से 2018 के बीच और इससे पहले 1988 से 1998 तक मुख्यमंत्री रहे हैं। वह सेरछिप और चाम्फई दक्षिण दो निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं।
सूत्रों ने बताया मुख्यमंत्री इस बीच म्यांमार सीमा से सटे चाम्फई दक्षिण निर्वाक्षेत्र पहुंच गये हैं।इस बीच यंग मिजो एसोसिएशन (वाईएमए) के कार्यकर्ताओं ने बुधवार सुबह ट्रेजरी स्वायर पर सीईओ कार्यालय के सामने फिर से धरने पर बैठ गये है। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि श्री शशांक को सीईओ पद से हटाया जाये और जल्द से जल्द राज्य से बाहर का रास्ता दिखाया जाये। सीईओ की शिकायत के बाद चुनाव आयोग ने प्रमुख सचिव (गृह) – का स्थानांतरण कर दिया गया। जिसके बाद स्थानीय मिजोरम अधिकारी और एनजीओ ने शशांक को उनके पद से हटाने और मिजोरम से बाहर भेजने की मांग की।
मंगलवार को मिजो छात्रों, एनजीओ के कार्यकताओं और मिजोरम की जनता सड़कों पर उतर आयी और उन्होंने यहां सीईओ कार्यालय को घेराव किया।प्रदर्शनकारियों ने अपराह्न में हड़ताल वापस ले ली और चुनाव आयोग द्वारा भेजे गये प्रतिनिधिमंडल के साथ मुलाकात करने के लिए सहमत हो गये।सूत्रों के अनुसार शशांक चुनाव आयोग के साथ बैठक के लिए नयी दिल्ली जा सकते है और चुनाव आयोग के समक्ष अपना मामला उठा सकते हैं।