तीन दिवसीय नागरिक सम्मेलन संपन्न, बीजेपी व संघ को शिकस्त के लिये, लिया ये संकल्प
May 27, 2018
नयी दिल्ली , देश के जाने माने बुद्धिजीवियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने समाज में सांप्रदायिकता का ज़हर फैलने का भारतीय जनता पार्टी व संघ परिवार पर आरोप लगते हुए उसे 2019 के चुनाव में शिकस्त देने के लिए सभी राज्यों में नागरिक सम्मेलन करने एवं जनता को जगाने के लिए कार्यक्रम आयोजित करने का संकल्प लिया।
राजधानी के कांस्टिट्यूशन क्लब में तीन दिन से चल रहे नागरिक सम्मेलन में यह संकल्प लिया गया। सम्मेलन में करीब 50 बुद्धिजीवियों और कार्यकर्ताओं ने समावेशी भारत के निर्माण विषय पर अपने -अपने विचार व्यक्त किये और मोदी सरकार में बढ़ती असहिष्णुता पर गहरी चिंता व्यक्त की।
सम्मलेन में बारह सत्रों में समावेशी भारत राष्ट्रवाद दलितों और अल्प संख्यकों मानवाधिकार न्यायपालिका पर हमला शिक्षा, मीडिया पर प्रतिबन्ध राष्ट्रवाद अर्थव्यस्था बहुलतावाद संस्कृति एवं प्रतिरोध की तैयारी पर विचार विमर्श किया गया।
आज सम्मेलन के अंतिम दिन वक्ताओं ने कहा कि इस तरह का नागरिक सम्मेलन देश के हर राज्यों में करने की जरुरत है ताकि मोदी सरकार के झूठ का पर्दाफाश किया जा सके और जनता को जगाया जाये। वक्ताओं का कहना था कि मोदी सरकार के खिलाफ वातावरण बनाने के लिए नागरिकों को आगे आने की जरुरत है और इस बात के लिए भी प्रयास करने की आवश्यकता है कि 2019 के चुनाव में वोट मोदी के खिलाफ जाये।
वक्ताओं ने आज देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु की 55वीं पुण्यतिथि पर उन्हें याद करते हुए कहा कि नेहरु ने भी देश में सबसे बड़ा खतरा संघ परिवार और उसकी सांप्रदायिकता को माना था और इस बात की आशंका भी व्यक्त की थी जो आज सही हो गयी।
सम्मलेन में प्रसिद्ध कवि अशोक वाजपेयी, सीमा मुस्तफा, तनिका सरकार, ज्योति मल्होत्रा, गणेश देवी, अपूर्वानंद आदि ने भाग लिया। कल जिग्नेश मेवाणी, तीस्ता सीतलवाड, राम पुनियानी और हर्ष मंदर ने विचार व्यक्त किये जबकि पहले दिन राजदीप सरदेसाई, कन्हैया कुमार, ओम थानवी ने भाग लिया था।