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मायावती ने परिवारवाद का आरोप लगाने वालों को दिया जवाब, उठाया ये बड़ा कदम

लखनऊ, बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने परिवारवाद का आरोप लगाने वालों को  बड़ा जवाब दिया है।  एक बड़ा फैसला लेते हुए  उन्होने अपनी पार्टी के संविधान में बदलाव किया है।

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सूत्रों के अनुसार,  मायावती ने शनिवार को पार्टी के हित मे एक बड़ा फैसला लेते हुए अपने भाई आनंद कुमार के पार्टी के उपाध्यक्ष पद से हटा दिया है। बताया जा रहा है कि मायावती ने यह फैसला विपक्ष की उन तमाम पार्टियों के आरोपों के बाद लिया है, जिन्होंने बीते दिनों बीएसपी सुप्रीमो पर अपने भाई को संरक्षण देने और परिवारवाद का आरोप लगाया था।

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सूत्रों के अनुसार,  मायावती ने लखनऊ में बीएसपी के राष्ट्रीय अधिवेशन के दौरान पार्टी के संविधान में बदलाव करते हुए अब किसी भी राष्ट्रीय अध्यक्ष के रिश्तेदार को पार्टी में पद ना देने की घोषणा की है। इसके साथ ही बीएसपी के नए संविधान में किसी भी राष्ट्रीय अध्यक्ष के रिश्तेदार के चुनाव लड़ने पर भी रोक लगा दी गई है।

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मायावती ने अपनी पार्टी के संविधान में कुछ जरूरी फैसले लिये जाने की जानकारी देते हुए बताया,‘‘ मुझे खुद को भी मिलाकर तथा मेरे बाद अब आगे भी बसपा का जो भी ‘‘राष्ट्रीय अध्यक्ष’’ बनाया जायेगा तो फिर उसके जीते-जी व ना रहने के बाद भी उसके परिवार के किसी भी नजदीकी सदस्य को पार्टी संगठन में किसी भी स्तर के पद पर नहीं रखा जायेगा अर्थात उनके परिवार के सदस्य बिना किसी पद पर बने रहकर और एक साधारण कार्यकर्ता के रूप में ही केवल अपनी निःस्वार्थ भावना के साथ ही पार्टी में कार्य कर सकते है।”

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उन्होंने कहा कि ”इसके अलावा उनके परिवार के किसी भी नजदीकी सदस्य को ना कोई चुनाव लड़ाया जायेगा तथा ना ही उसे कोई राज्यसभा सांसद, एम.एल.सी.और मंत्री आदि भी बनाया जायेगा और ना ही उसे अन्य किसी भी राजनैतिक उच्च पद पर रखा जायेगा। लेकिन पार्टी में राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद को छोड़कर बाकी अन्य सभी स्तर के पदाधिकारियों के परिवार के लोगों पर ’’विशेष परिस्थितियों में’’ यह सब शर्तें लागू नहीं होगी।”

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