मायावती ने उत्तर प्रदेश में डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमाओं को तोड़ने की घटनाओं पर दुख व्यक्त किया है. उन्होनें कहा कि योगी सरकार को इस प्रकार के जातिवादी मामलों में अपनी असंवेदनशीलता को त्याग कर कानून का कड़ाई से पालन करते हुए दोषी असामाजिक तत्वों के खिलाफ ऐसी सख्त कार्रवाई करनी चाहिए कि इन दुखद घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो.
मायावती ने आईपीएन को भेजे अपने बयान में प्रदेश के इलाहाबाद व सिद्धार्थनगर जिले में बाबा साहेब की प्रतिमाओं को तोड़े जाने की ताजा घटनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि समाज में जातिवादी हिंसा, तनाव, विद्वेष व टकराव आदि पैदा करने वाली इस प्रकार की घटनाओं के मामले में सरकार की कानूनी सख्ती नहीं होने के कारण ही ऐसी अप्रिय घटनाओं से प्रदेश व यहां की सरकार काफी ज्यादा कलंकित हो रही है. इन मामलों में सरकार द्वारा केवल नई मूर्ति की स्थापना करने से ही समस्या का समाधान पूरे तौर से होने वाला नहीं है, बल्कि इसके लिए कानून का सख्ती से अनुपालन करना बहुत जरूरी है.
मायावती ने ऐसे तमाम मामलों में लोगों से शांति व्यवस्था बनाए रखने की फिर से अपील करते हुए कहा कि बाबा साहेब इस देश के संविधान के निर्माता हैं और भारतरत्न भी हैं. उनके नाम पर किसी को भी ऐसा कोई भी काम कतई नहीं करना चाहिए, जिससे उनकी प्रतिष्ठा पर थोड़ा भी आंच आने पाए.
उन्होंने कहा, “बाबा साहेब ने हर काम कानूनी तौर से किया तथा अपने अनुयाइयों के लिए वोटों के बहुमूल्य अधिकार सहित अन्य अनेक प्रकार के संवैधानिक व कानूनी अधिकार भी दिए हैं, जो कि उनके अनुयाइयों के लिए संघर्ष व सत्ता का जबर्दस्त हथियार भी है. मायावती ने कहा कि घटना के विरोध में शांतिपूर्वक धरने पर बैठे बाबा साहेब के अनुयाइयों की मांगों को योगी सरकार को संज्ञान लेकर उनकी मांगें माननी चाहिए.
उन्होनें कहा कि गुजरात राज्य में अपने खेत पर काम की सहुलियत के लिए घुड़सवारी करने पर एक दलित युवक की निर्मम की गई हत्या यह साबित करती है कि भाजपा शासित गुजरात राज्य में अभी भी जातिवाद का विष कितना ज्यादा गहरा है, जिसे वहां की सरकार रोक नहीं पा रही है. प्रथम दृष्टया दोषियों को इस मामले में भी बचाती हुई नजर आ रही है.