विपक्षी दलों से जीत की संभावनाओं को देखते हुये, ये नेता और सांसद छोड़ सकतें हैं बीजेपी का साथ ?
July 31, 2018
नई दिल्ली, बीजेपी को बड़ा खतरा विपक्ष के बजाय पार्टी के ही सांसदों से पैदा हो गया है। 2019 के लोकसभा चुनावों मे बीजेपी की तुलना मे महागठबंधन से अपनी जीत सुनिश्चित देखकर बीजेपी के कई सांसद पार्टी का साथ छोड़ने की तैयारी मे हैं।
2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा के कई नेताओं ने अपनी जमीन तलाशनी शुरू कर दी है। 17वीं लोकसभा चुनाव की सुगबुहाट शुरू होते ही बीजेपी के कई नेता और सांसद विपक्ष की अलग-अलग पार्टियों के दरवाजे पर दस्तक दे रहे हैं। अपने वरिष्ठ नेता और सांसदों के इस रवैये से जहां बीजेपी आलाकमान सकते मे है वहीं लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी नेताओं की ये हरकत बीजेपी की जीत की दावेदारी को कमजोर कर रही है।
भाजपा से तीन बार दरभंगा के सांसद रहे कीर्ति आजाद कांग्रेस में अपनी जमीन तलाश रहे हैं और दरभंगा से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव भी लड़ना चाहते हैं। सांसद कीर्ति आजाद कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। एक टीवी चैनल से बातचीत के दौरान राहुल गांधी को एक अच्छा नेता बताते हुये उन्होंने कहा कि वह किसी राष्ट्रीय पार्टी से ही 2019 का चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने न केवल कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की जमकर तारीफ की है बल्कि उन्होंने कहा कि मेरे पिता भी कांग्रेसी रहे हैं। कीर्ति आजाद के पिता स्वर्गीय भागवत झा आजाद कांग्रेस के बड़े नेता और बिहार के मुख्यमंत्री रह चुकें हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा की हाल में राजद से बढ़ी नजदिकियां इस बात के संकेत दे रही हैं कि वह अगला चुनाव बीजेपी के बजाय महागठबंधन खेमे से लड़ सकते हैं। पिछले कुछ दिनों से जिस तरह से शत्रुघ्न सिन्हा, राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार से मिलजुल रहे हैं उसे देखते हुए यह कयास लगाया जा रहा है कि वह महागठबंधन के टिकट पर लोकसभा पहुंचने की तैयारी मे हैं। कुछ दिन पहले शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा था कि समय आने पर घोषणा करूंगा कि मैं किस पार्टी और कहां से चुनाव लडूंगा। फिलहाल मैं भाजपा में हूं।
यूपी से सांसद सावित्री बाई फूले को लेकर तो बीजेपी हाईकमान भी ये मान चुका है कि वह अगला लोकसभा चुनाव बीजेपी से नही लड़ेंगी। दलित उत्पीड़न, आरक्षण और सामाजिक न्याय जैसे कई मुद्दों को लेकर वह अपनी सरकार के खिलाफ कई बार मोर्चा खोल चुकीं हैं। उन्होने जातीय जनगणना और प्रमोशन मे आरक्षण को लेकर भी बीजेपी सरकरों को घेरने का काम किया है।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा, दलित नेता और सांसद ऊदित राज, सांसद वरूण गांधी, सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह, सांसद राजकुमार सैनी, मंत्री इंद्रजीत राव, बीजेपी नेता रमाकांत यादव, बीजेपी नेता घनश्याम तिवारी, यूपी सरकार के मंत्री ओमप्रकाश राजभर आदि एेसे कई नाम हैं जो बीजेपी आलाकमान के रवैये से नाखुश हैं और गाहे बगाहे अपनी नाराजगी जाहिर कर चुकें हैं। कई सांसद एेसे भी हैं जो अभी खुलकर सामने नही आरहें हैं लेकिन उनके तार विपक्ष से जुड़े हुयें हैं।