‘#मी टू’ अभियान’ से उत्साहित केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने की ये खास मांग
October 8, 2018
नई दिल्ली, ‘#मी टू’ अभियान’ से उत्साहित केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने, बाल यौन उत्पीड़न को लेकर बड़ी मांग की है। मेनका गांधी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि वह बहुत खुश हैं कि ‘#मी टू’ अभियान भारत में भी शुरू हो गया है और इससे महिलाओं को सामने आकर शिकायत करने का हौसला मिला है।
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कानून मंत्रालय से कहा है कि बाल यौन उत्पीड़न के लिए तय आयुसीमा हटाई जाए ताकि ‘10-15 साल बाद’ भी लोग ऐसे मामलों की शिकायत कर सकें।उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘जिसने उत्पीड़न किया है, उसे पीड़िता कभी नहीं भूल सकती। हमने कानून मंत्रालय को लिखा है कि किसी आयुसीमा के बगैर लोगों को शिकायत करने की अनुमति होनी चाहिए।’’
मौजूदा कानूनी प्रावधानों के तहत बालिग यानी 18 साल के होने पर बाल यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज कराना कठिन हो जाता है।लबाल यौन उत्पीड़न की घटना की सूचना तीन वर्ष के अंदर देना अनिवार्य है। यह आपराधिक दंड प्रक्रिया की धारा 468 के तहत आती है। हालांकि दंड प्रक्रिया की धारा 473 के अनुसार, न्याय के हित में अदालत किसी पुराने मामले का भी संज्ञान ले सकती है।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ने कहा कि उन्होंने प्रस्ताव दिया है कि कोई भी पीड़ित यौन उत्पीड़न की शिकायत घटना के ‘10-15 साल’ बाद भी कर सकता है। ‘#मी टू’ अभियान’ का उल्लेख करते हुए मेनका ने कहा, ‘‘मैं आशा करती हूं कि यह इस तरह नियंत्रण से बाहर नहीं चला जाए कि हम उन लोगों को निशाना बनाएं जिनसे हमें परेशानी हुई हो। लेकिन मेरा मानना है कि यौन उत्पीड़न को लेकर महिलाएं आक्रोशित हैं।’’