दलितों के बाद अब अन्य पिछड़ा वर्ग पर मोदी सरकार का हमला, आरक्षण को बांटने की तैयारी
May 29, 2018
नयी दिल्ली , दलितों के एस सी एसटी अत्याचार निरोधक एक्ट को कमजोर करने के बाद अब बारी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को मिल रहे आरक्षण को प्रभावहीन करने की है। अब मोदी सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को बांटने की तैयारी कर रही है। जिसकी रिपोर्ट आयोग जल्द सरकार को सौंपेगा ।
अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के उप – वर्गीकरण पर काम कर रहा आयोग रिपोर्ट तैयार करने और 20 जून तक इसे सरकार को सौंपने के अंतिम चरण में है। पांच सदस्यीय इस आयोग के मुखिया सेवानिवृत्त न्यायाधीश जी रोहिणी हैं। आयोग की स्थापना पिछले साल दो अक्तूबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द की मंजूरी से हुई थी और इसे 12 हफ्ते के भीतर अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को देना था।
आयोग को ओबीसी की केंद्रीय सूची में जातियों तथा समुदायों में आरक्षण के लाभों के असंगत वितरण को देखने का दायित्व सौंपा गया था। आयोग को कार्यभार ग्रहण करने के इसे इस तरह के ओबीसी के उप – वर्गीकरण के लिए तंत्र , मानदंडों , नियम तथा मानकों पर काम करने तथा जातियों , उप जातियों और समुदायों की पहचान करने तथा उन्हें उप श्रेणियों में वर्गीकृत करने का दायित्व भी सौंपा गया था।
सरकार के एक अधिकारी ने कहा , ‘‘ आयोग अपने निष्कर्ष तथा सिफारिशें तैयार करने के अंतिम चरण में है। ’’आयोग की सिफारिश के बाद केंद्र सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि कोटे मे कोटा कैसे दिया जाये । मोदी ने बागपत में 11,000 करोड़ रुपये की लागत वाले पूर्वी पेरिफेरल एक्सप्रेस – वे का उद्घाटन करने के बाद एक जनसभा में यह बात कही थी।
आरक्षण का लाभ अन्य पिछड़ा वर्ग के सभी जातियों तक समान रूप से पहुंचाने की बात करके मोदी सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को मिल रहे आरक्षण को प्रभाव हीन करना चाहती है। रोस्टर सिस्टम मे आरक्षण के जितने ज्यादा टुकड़े होंगे उतना कम लाभ उस समुदाय को मिलेगा। मोदी सरकार 27 प्रतिशत आरक्षण को न बढ़ाकर उसके टुकड़े करने की तैयारी मे है।
वास्तविकता यह है कि केद्र सरकार की नौकरियों तक मे अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लोगों की संख्या लगभग 7 प्रतिशत है। जबकि सरकार को चाहिये था कि वह विशेष प्रयास करके नौकरियों मे अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का कोटा 27प्रतिशत पूरा करती। लेकिन वह एसा न करके अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की जातियों को राजनैतिक फायदे के लिये बांटने और उनहे मिल रहे 27 प्रतिशत आरक्षण को प्रभावहीन करने की तैयारी मे है।