केंद्रीय वित्त मंत्री ने खोला राज, बताया, देश में कितने अति धनाढ्य लोग

चेन्नई,  केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अति धनाढ्यों पर कर लगाने के फैसले को न्यायोचित ठहराते हुए कहा कि इससे गरीबों की सहायता की सरकार की जिम्मेदारी उनके साथ साझा की जा सकेगी। श्रीमती सीतारमण ने नागारातर चैंबर ऑफ कॉमर्स की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कहा, “हमने आजादी के बाद के 60 वर्ष अधिकारों के बारे में केवल बातें करते हुए काट दिये और अपने फर्ज पूरे करना भूल गये।

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जिस तरह हम अधिकारों की बात करते हैं, उसी तरह हमें अपने कर्तव्यों पर भी ध्यान केंद्रित करना चाहिए। देश के गरीब लोग अपने कर्तव्य पूरे कर रहे हैं, इसलिए सरकार उनके लाभ के लिए कई योजनाएं लायी है।” उन्होंने कहा कि गरीबों को पूरा बोझ क्यों उठाना चाहिए। केवल इसे ध्यान में रख कर ही इस वर्ष बजट में अति धनाढ्यों पर कर लगाने की घोषणा की गयी है। उन्होंने कहा कि देश में फिलहाल 5000 से अधिक अति धनाढ्य लोग हैं।

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बजट में स्टार्टअप को मदद देने के लिए भी कई उपाय किये गये हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि गरीबों की मदद करने की सरकार की जिम्मेदारी मेें अति धनाढ्यों को भी भागीदारी करनी चाहिए। इसी उद्देश्य से उन पर अधिक कर लगाये गये हैं। उन्होंने धन और नौकरियों के सृजन में भारतीय कारपोरेट घरानों की प्रशंसा करते हुए कहा कि बजट का फोकस युवाओं को रोजगार के लिए सरकार, बैंक और अन्य की मदद मुहैया कराना था। भारतीयों को कई क्षेत्रों में आगे होने का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय दूसरे देशाें की अगली पीढ़ी के गुरु होंगे।

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