अब RBI में भी RSS के लोग शामिल, मोदी सरकार पर उठे सवाल….
August 9, 2018
नई दिल्ली, दक्षिणपंथी विचारधारा से ताल्लुक रखने वाले और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के क़रीबी कहे जाने वाले एस गुरुमूर्ति को भारत के केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) में अंशकालिक निदेशक बनाया गया है. आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के जाने के बाद से ही मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस आरोप लगाती रही है कि केंद्र सरकार बैंक के स्वतंत्र फ़ैसले लेने की क्षमता को प्रभावित कर रही है.
स्वामिनाथन गुरुमूर्ति को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया(आरबीआई बोर्ड) में शामिल करने वाले वित्त सेवा विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. अब स्वामिनाथन गुरुमूर्ति चार वर्षों तक नॉन अफीशियल डायरेक्टर पद पर बने रहेंगे. अप्वॉइंट कमेटी ऑफ कैबिनेट(एसीसी) ने यह उनकी नियुक्ति को मंजूरी दी.
स्वामिनाथन प्रसिद्ध सीए और अर्थशास्त्री हैं. वे स्वदेशी जागरण मंच के सह-संयोजक भी हैं. स्वामिनाथन संघ और बीजेपी के विचारक भी हैं. ऐसा कहा जाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी से पहले स्वामिनाथन से सलाह ली थी. कार्ति चिदंबरम और एयरसेल मैक्सिस केस का खुलासा करने में भी इनकी अहम भूमिका थी. तमिलनाडु में ओ पन्नीरसेल्वम और ई पलानीस्वामी के धड़ों के बीच सुलह भी इन्होंने ही कराई थी.
इनके साथ ही सतीश मराठे को भी बोर्ड में शामिल किया गया है. मराठे कॉपरेटिव सेक्टर में काम करते रहे हैं. उन्होंने मीडिया से बताया है कि अपने कॉरपोरेट सेक्टर के अनुभव का इस्तेमाल वह आरबीआई को सलाह देने में करेंगे.