नयी दिल्ली, कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान आवश्यक कार्यों से निकलने वाले लोगों के साथ पुलिस बर्बरता की घटनाओं पर विराम लगाने के लिए शनिवार को उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर की गयी।
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ई-फाइलिंग के जरिये वकील अमित गोयल द्वारा दायर याचिका में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान जनता की आवाजाही के बारे में उचित दिशानिर्देश तैयार करने के लिए सरकार को निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड (एओआर) कौशिक चौधुरी तथा वकील प्रीतम बरुआ ने याचिका तैयार की है।
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याचिका में कहा गया है, “भले ही गृह मंत्रालय द्वारा स्पष्ट रूप से दिशानिर्देश जारी किए गए हैं जिसमें लॉकडाउन से ‘आवश्यक सेवाओं’ को छूट दिये गये हैं, लेकिन लॉकडाउन का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों पर पुलिस की बर्बरता के कई उदाहरण हैं।”
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याचिकाकर्ता ने पश्चिम बंगाल में एक विशेष मामले में दूध खरीदने के लिए बाहर निकले एक व्यक्ति की पुलिस द्वारा पिटाई के बाद हुई मौत की घटना का जिक्र किया है। याचिकाकर्ता ने गुवाहाटी की एक घटना का भी जिक्र किया है।
याचिकाकर्ता ने दुकानों के खुलने की छूट, बुनियादी आवश्यकता, रसोई गैस वाहन आदि के बारे में स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है।
याचिका में सभी किराने की दुकानों में आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने और फार्मेसियों द्वारा दवाओं की होम डिलीवरी तथा एटीएम के सुचारू रूप से संचालन सुनिश्चित करने के दिशानिर्देश जारी किये जाने की मांग की गयी है।
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