पीएम मोदी के कालाधन विरोधी दावों की निकली हवा, स्विस बैंक मे इतने गुना बढ़ा भारतीयों का धन
June 29, 2018
नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नोटबंदी कर कालाधन समाप्त करने के दावों की हवा स्विस नेशनल बैंक की रिपोर्ट ने निकाल कर रख दी है। नोटबंदी के बाद से भारतीयों द्वारा स्विस बैंक खातों में रखा गया धन बढ़ गया है।
विदेशों से काला धन वापस लाने के दावों के साथ आयी केंद्र की मोदी सरकार के दावों की पोल लगातार खुलती जा रही है। हाल ही मे महिला उत्पीड़न को लेकर भारत की बुरी सि्थिति की रिपोर्ट आने के तुरंत बाद, केंद्र के काले धन के खिलाफ चलाए अभियान के बावजूद स्विस बैंकों में भारतीयों के धन में बढ़ोतरी परेशान करने वाली है। ग्राहकों की सूचना बेहद गोपनीय रहने के कारण दुनिया भर के लोग अपना काला धन स्विस बैंकों में रखते रहे हैं।
इसके अनुसार भारतीयों द्वारा स्विस बैंक खातों में रखा गया धन 2017 में 50% से अधिक बढ़कर 7000 करोड़ रुपये (1.01 अरब फ्रेंक) हो गया। इससे पहले तीन साल यहां के बैंकों में भारतीयों के जमा धन में लगातार गिरावट आई थी। अपनी बैंकिंग गोपनीयता के लिए पहचान बनाने वाले इस देश में भारतीयों के जमाधन में ऐसे समय दिखी बढ़ोतरी हैरान करने वाली है जबकि भारत सरकार विदेशों में कालाधन रखने वालों के खिलाफ अभियान चलाए हुए है।
स्विस नेशनल बैंक (एसएनबी) की रिपोर्ट ने काला धन पर अंकुश लगाने के केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के दावों की हवा निकाल दी है। रिपोर्ट के मुताबिक, 2017 में स्विट्जरलैंड के बैंकों में भारतीयों का धन 50 फीसदी बढ़कर करीब 7000 करोड़ रुपये हो गया। हालांकि, इससे पिछले तीन साल भारतीयों के जमा में कमी दर्ज की गई थी।
भारतीयों द्वारा सीधे तौर पर स्विस बैंकों में जमा किया धन 99.9 करोड़ स्विस फ्रैंक (करीब 6,900 करोड़) और फंड मैनेजरों के जरिये जमा धन 1.62 करोड़ स्विस फ्रैंक (करीब 112 करोड़ रुपये) हो गया है। 2016 में स्विस बैंकों में भारतीयों के धन में 45 फीसदी गिरावट आई थी। सर्वाधिक सालाना गिरावट के बाद यह 676 मिलियन स्विस फ्रैंक (4,500 करोड़ रुपये) रह गया था। 1987 में यूरोपियन बैंक द्वारा आंकड़े सार्वजनिक करने की शुरुआत के बाद यह सबसे निचला स्तर था।
ताजा आंकड़ों के मुताबिक, स्विस बैंकों में जमा भारतीयों के धन में 3,200 करोड़ रुपये का कस्टमर डिपॉजिट, 1,050 करोड़ रुपये दूसरे बैंकों के जरिये और 2,640 करोड़ रुपये अन्य लायबिलिटीज के रूप में शामिल थे। एसएनबी के मुताबिक, 2017 में भारतीयों की ओर से हर तरह से होने वाले जमा में तेज बढ़ोतरी दर्ज की गई।