एससी-एसटी और ओबीसी के इतने आरक्षित पद पड़ें हैं खाली ? सरकार को नही है चिंता ?
May 4, 2018
नई दिल्ली, दलित-पिछड़ों के हित की मोदी सरकर को सचमुच कितनी चिंता है यह खुलासा संसद में पेश कार्मिक एवं लोक शिकायत मंत्रालय के आंकड़ों से हुआ. एक जनवरी 2017 की स्थिति के अनुसार, केद्र सरकार के विभागों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग की 28,713 रिक्तियां खाली रह गई .
संसद में पेश कार्मिक एवं लोक शिकायत मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, केंद्र सरकार में 90 प्रतिशत से अधिक कर्मचारियों की पद संख्या वाले 10 मंत्रालयों/विभागों ने अपने सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थानों एवं उपक्रमों आदि में 31 दिसंबर 2016 को अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग की 92,589 बकाया रिक्तियों की जानकारी दी थी.
इनमें से 63,876 रिक्तियों को भरा गया. एक जनवरी 2017 की स्थिति के अनुसार, इन विभागों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग की 28,713 रिक्तियां खाली रह गई. जिन्हे अभी तक भरा नही गया. जबकि कार्मिक एवं लोक शिकायत मंत्रालय ने बताया कि ऐसी रिक्तियों को विशेष भर्ती अभियान के माध्यम से भरने के लिए सभी मंत्रालयों एवं विभागों को एक आंतरिक समिति गठित करने के लिए अनुदेश जारी किए गए हैं.
कार्मिक एवं लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 77 मंत्रालयों से संबद्ध/अधीनस्थ कार्यालयों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जनवरी 2016 तक केंद्र सरकार के पदों और सेवाओं में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग का प्रतिनिधित्व क्रमश: 17.49 प्रतिशत, 8.47 प्रतिशत और 21.5 प्रतिशत है.
इस प्रकार अन्य पिछड़ा वर्ग के लिये सरकार को विशेष अभियान चलाकर शेष 5.5 प्रतिशत पदों को भरना चाहिये था. क्योंकि 60 प्रतिशत आबादी वाले अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण मिला है लेकिन उनके मात्र 21.5 प्रतिशत लोग ही केंद्र सरकार की नौकरियों मे हैं।.देश मे तथाकथित पिछड़े वर्ग का प्रधानमंत्री होने के बावजूद , अन्य पिछड़ा वर्ग के इतने पद खाली पड़ें हैं.