कर्मचारियों की पेंशन में सरकार ने किया बड़ा परिर्वतन,कर्मचारी सगंठनो ने दी ये प्रतिक्रिया..
December 7, 2018
नई दिल्ली,सरकारी कर्मचारियों की पेंशन में सरकार ने बड़ा परिर्वतन किया है. मोदी सरकार ने सरकार ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) में अपना योगदान बढ़ाकर मूल वेतन का 14 प्रतिशत कर दिया है. यह फिलहाल 10 प्रतिशत है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है. वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि कर्मचारियों के योगदान में कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है. उनका न्यूनतम योगदान 10 प्रतिशत ही बना रहेगा. केंद्र व राज्य कर्मचारी को 7वें वेतन आयोग का लाभ पहले ही दिया जा चुका है. अब पेंशन में इस बदलाव से उन्हें और बड़ा लाभ होगा.
मंत्रिमंडल ने कर्मचारियों के 10 प्रतिशत तक योगदान के लिए आयकर कानून की धारा 80 सी के तहत कर प्रोत्साहन को भी मंजूरी दी. फिलहाल सरकार और कर्मचारियों का योगदान एनपीएस में 10-10 प्रतिशत है, जो अब बढ़कर 14-10 प्रतिशत हो जाएगा. यानि कर्मचारियों का न्यूनतम योगदान 10 प्रतिशत पर बना रहेगा जबकि सरकार का योगदान 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत किया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में सरकारी कर्मचारियों को कुल कोष में से 60 प्रतिशत अंतरित करने को मंजूरी दी गई जो फिलहाल 40 प्रतिशत है. सूत्रों ने कहा कि साथ ही कर्मचारियों के पास निश्चित आय उत्पादों या शेयर इक्विटी में निवेश का विकल्प होगा.
मंत्रिमंडल के निर्णय के अनुसार यदि कर्मचारी रिटायरमेंट के समय एनपीएस में जमा धन का कोई भी हिस्सा निकालने का निर्णय नहीं करता है और 100 प्रतिशत पेंशन योजना में हस्तांतरित करता है तो उसकी पेंशन अंतिम बार प्राप्त वेतन का 50 प्रतिशत से अधिक होगी. सरकार ने राजस्थान में चुनाव के मद्देनजर इस फैसले की घोषणा नहीं की है. सूत्रों ने कहा कि सरकार को अभी नई योजना की अधिसूचना की तारीख के बारे में निर्णय नहीं हुआ है.
लेकिन पुरानी पेंशन स्कीम को लेकर आंदोलनरत अटेवा के अध्यक्ष विजय बंधु जी ने इसको केंद्र सरकार का लॉलीपॉप बताया है. उन्होंने कहा कि इससे सरकारी कर्मचारियों का कुछ भी भला होने वाला नहीं है.उन्होंने साफ कहा कि हमें पुरानी पेंशन से कम कुछ भी मंजूर नहीं है. केंद्र सरकार को चाहिए कि वह पुरानी पेंशन को जस का तस लागू करें.