39 भारतीयों की हत्या के सच को, आखिर क्यों छिपाये रही मोदी सरकार ?
March 20, 2018
चंडीगढ़, इराक में 39 भारतीयों के साथ अगवा किए जाने के बाद जून2014 में आईएस के चंगुल से भागने में कामयाब रहने वाले इकलौते व्यक्ति हरजीत मसीह ने आज कहा कि वह पिछले तीन साल से कह रहे थे कि सभी अन्य लोग मारे जा चुके हैं। लेकिन मोदी सरकार ने उसे माना नहीं। जबकि आज विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज राज्यसभा को सूचित किया कि करीब तीन साल पहले इराक में आईएस द्वारा अगवा किए गए सभी 39 भारतीय कामगार मारे जा चुके हैं।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के राज्यसभा मे दिये इस बयान पर अब सवाल खड़े हो रहें हैं कि आखिर मोदी सरकार ने उसे माना क्यों नहीं।मसीह ने कहा कि उन्हें मेरी आंखों के सामने मार दिया गया और मैं इतने वर्षों से यह कहता रहा हूं। मुझे हैरानी होती है कि मैंने जो कहा था सरकार ने उसे माना क्यों नहीं।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज राज्यसभा को सूचित किया कि करीब तीन साल पहले इराक में आईएस द्वारा अगवा किए गए सभी 39 भारतीय कामगार मारे जा चुके हैं और उनके शवों को बरामद कर लिया गया है। इसके बाद मसीह का यह बयान आया है। मसीह ने आज कहा, ‘‘ मैं पिछले तीन वर्षों से कहता रहा हूं कि आईएस के आतंकवादियों ने सभी39 भारतीयों की हत्या कर दी है।’’ पंजाब में गुरदासपुर जिले के काला अफगाना गांव के निवासी मसीह ने कहा, ‘‘ मैंने सच बोला था।’’ मसीह उन40 भारतीय कामगारों में शामिल था जिन्हें आतंकवादी संगठन आईएस ने अगवा किया था।
घटना की जानकारी देते हुए मसीह ने कहा कि भारतीय लोग वर्ष2014 में इराक में एक फैक्ट्री में काम कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘ लेकिन हमें आतंकवादियों ने अगवा कर लिया और कुछ दिनों तक बंधक बनाकर रखा।’’ एक दिन उन्हें घुटने के बल बिठाया गया और आतंकवादियों ने उन पर गोलियां चला दी। मसीह ने कहा, ‘‘ मैं खुशकिस्मत था कि बच गया हालांकि एक गोली मेरी जांघ पर लगी और मैं बेहोश हो गया।’’ वह घायल अवस्था में आईएस के आतंकवादियों को किसी तरह चकमा देकर भारत लौटने में सफल रहा। आजीविका की तलाश में इराक गए 39 भारतीय वर्ष2014 से लापता थे। इनमें से कई पंजाब के अमृतसर, गुरदासपुर, होशियारपुर, कपूरथला और जालंधर के रहने वाले थे।