लखनऊ, संगठित अपराध पर लगाम लगाने के लिए लाए गए यूपीकोका बिल को यूपी विधानसभा की मंजूरी मिल गई है. अब ये कानून मंजूरी के लिए राज्यपाल के पास भेजा जाएगा. योगी सरकार ने आज चार महीने के बाद दूसरी बार यूपीकोका बिल को विधानसभा में पेश किया और पारित करा लिया.
इससे पहले इस बिल को योगी सरकार ने विधानसभा से पास कराया था, लेकिन विधान परिषद में बीजेपी के पास बहुमत न होने के चलते पास नहीं हो सका था. इस बार इसे विधान परिषद में भेजने की जरूरत नहीं है. इस दौरान सीएम ने कहा कि किन्ही कारणों से विधानपरिषद ने ये बिल पास नहीं किया. विधान सभा में सरकार दोबारा इस बिल को रख रही है.
विधानसभा में सीएम योगी ने कहा कि यूपीकोका आज की जरूरत है. संघटित अपराध को रोकने के लिए एक कानून की आवश्यकता महसूस की जा रही है. हम एक बार फिर जनता की सुरक्षा के हित में यूपीकोका को लाये हैं. यूपी की सीमा खुली हुई हैं, उनकी सुरक्षा के लिए एक कानून की जरूरत है. आम जनमानस की सुरक्षा की गारंटी भी दे सके, जो प्रयास सरकार ने किए उसके परिणाम अच्छे आये हैं.
ये महसूस किया जा रहा है कि इसके बावजूद भी अपराध नियंत्रण के लिए कठोर कानून की ज़रूरत है. पिछले एक साल में त्यौहार शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हुए. पहले लोग त्यौहार आते ही भययुक्त हो जाते थे. सीएम ने कहा कि डायल 100 की जो गाड़ियां वसूली के लिए कुख्यात हो चुकी थीं, उनकी जवाबदेही तय की गई है. पूरे प्रदेश के अंदर हत्या, डकैती, रोड होल्ड अप, आगजनी जैसी घटनाओं में कमी आई है. पुलिस ने अपनी भूमिका का सही निर्वहन किया है. सीएम ने कहा कि यूपी में पिछले 1 साल में शांतिपूर्ण ढंग से पर्व और त्यौहार मनाए गए. योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पहले पर्व और त्यौहार लोगों में भय पैदा करते थे, लोगों में डर रहता था कि पता नहीं क्या हो जाए.
उन्होंने कहा कि सभी थानों में दो-दो और वाहन उपलब्ध कराया जाएगा. पुलिस आधुनिकीकरण की और व्यवस्था की जा रही है. सीएम ने कहा कि विपक्ष को बोलने के अधिकार है. जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि जनता के लिए काम करने का अधिकार है. लेकिन वे अपराधी का महिमा मंडन करेंगे तो वहां गड़बड़ हो जाती है.