शिवपाल यादव पर आखिर क्यों है, योगी सरकार मेहरबान ?
August 21, 2018
लखनऊ, उत्तर प्रदेश मे सरकार भले ही समाजवादी पार्टी की न हो पर सपा के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव के जलवों मे कोई कमी नही है। शिवपाल यादव पर आखिर क्यों योगी सरकार मेहरबान है? क्या इसका बड़ा कारण शिवपाल सिंह यादव का व्यक्तिगत् व्यवहार है?
शिवपाल सिंह यादव के एक बेटा और एक बेटी हैं। सहारनपुर के रहने वाले आईएएस अधिकारी अजय सिंह यादव उनके दामाद हैं। अजय यादव मूल रूप से तमिलनाडु कैडर के हैं। वह 28 अक्टूबर, 2015 से यूपी में तैनात हैं। वह भूमि सुधार निगम के एमडी हैं। उनकी प्रतिनियुक्ति 31 दिसंबर को खत्म हो रही थी। इसके लिए पहले से ही इसे बढ़वाना जरूरी था।
शिवपाल सिंह यादव ने बीती 9 अगस्त को अपने इसी आईएएस दामाद की प्रतिनियुक्ति बढ़वाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर गुजारिश की थी। हालांकि बाद में मीडिया में शिवपाल की ओर से सरकार और कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े करने की वजह से सीएम असहज भी हो गए थे। पर उन्होंने शिवपाल के दामाद अजय यादव की प्रतिनियुक्ति बढ़ाने की फाइल आगे बढ़ा दी।
प्रदेश सरकार के नियुक्ति विभाग ने 2010 बैच के आईएएस अफसर अजय यादव को दो साल की प्रतिनियुक्ति देने का पत्र सोमवार को केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय को भेज दिया है। अब केंद्र सरकार का कार्मिक मंत्रालय और फिर अपॉइंटिंग कमिटी ऑफ कैबिनेट (एपीसी) इसे मंजूरी देगी। शिवपाल यादव ने एकबार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि सरकार किसी की हो , शिवपाल सिंह यादव के जलवों मे कोई कमी नही होती है।
इससे पहले अजय यादव 2014 मे तमिलनाडु के कोयंबटूर में कमिश्नर कमर्शल टैक्स के पद पर तैनात थे। उन्होंने नवंबर 2014 में जब अखिलेश यादव राज्य के मुख्यमंत्री थे, अपने लिए प्रतिनियुक्ति मांगी थी। इस दौरान उन्होंने अपने बच्चे के स्वास्थ्य के कारणों का हवाला दिया था। इसके बाद भी केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय ने उन्हें प्रतिनियुक्ति देने से इनकार कर दिया था। मंत्रालय का कहना था कि यह इंटर कैडर प्रतिनियुक्ति केवल उन्हीं अफसरों को दी जा सकती है जो अपने मूल कैडर में नौ साल की सेवा पूरी कर चुके हों।
केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय को उन्होंने तीन बार पत्र भेजा पर उन्होंने हर बार उन्हें मना कर दिया। इसके बाद पूर्व मंत्री शिवपाल यादव ने सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अपने दामाद को प्रतिनियुक्ति देने की गुजारिश की थी। प्रधानमंत्री कार्यालय के दखल के बाद ही 28 अक्टूबर, 2015 को ‘अपॉइंटमेंट कमिटी ऑफ द कैबिनेट’ (एसीसी) ने तमिलनाडु कैडर के आईएएस अधिकारी अजय यादव के इंटर-कैडर डेप्युटेशन को मंजूरी दी थी। कमिटी ने इसे ‘स्पेशल केस’ मानते हुए उनके लिए मौजूदा कानूनों में रियायत दी दी। इस कमिटी के चेयरमैन प्रधानमंत्री होते हैं।
शिवपाल यादव पर आखिर क्यों बीजेपी सरकारें मेहरबान है? क्या इसका बड़ा कारण शिवपाल सिंह यादव का व्यक्तिगत् व्यवहार है? या ये भी बीजेपी की कोई सियासी चाल है, सपा-बसपा गठबंधन पर चोट करने की?