युवा आईएएस ने मोदी सरकार को दिखाया आईना, छेड़ी नई बहस, कहा- नौकरी जाने का डर नहीं…?
July 11, 2018
नई दिल्ली, एक युवा आईएएस अफसर ने बिना दबाव मे आये और अपनी नौकरी की चिंता किये बगैर मोदी सरकार को आईना दिखाने का काम किया है। युवा आईएएस अफसर ने साफ कहा कि जिस तरह की बहस मैंने छेड़ी है वो बड़ी चीज़ है। मुझे अपनी नौकरी जाने का कोई डर नहीं है। मेरी नौकरी जा सकती है। लेकिन दुनिया संभावनाओं से भरी है।
एक युवा आईएएस अफसर शाह फैसल ने रेप की बढ़ती घटनाओं पर ट्वीट किया। उन्होंने लिखा- ‘पितृसत्ता + जनसंख्या + निरक्षरता + शराब + पोर्न + टेक्नालॉजी + अराजकता = रेपिस्तान!’ शाह फैसल के ट्वीट पर मोदी सरकार ने नाराज होकर आईएएस के खिलाफ राज्य सरकार को अनुशासनात्मक कार्रवाई करने को कहा। जम्मू-कश्मीर की राज्य सरकार ने अफसर को कार्रवाई के लिये पत्र जारी कर दिया। युवा अफसर ने बिना दबाव मे आये मोदी सरकार को आईना दिखाने का काम किया।
मंगलवार को शाह फैसल ने एक और ट्वीट किया साथ ही वह पत्र भी शेयर किया, जिसमें उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की बात की गई है। पत्र में लिखा है, ”आपके द्वारा दिए गए कई रिफरेंस पहली नजर में अखिल भारतीय सेवा नियमों के प्रावधानों का उल्लंघन हैं.” इस ट्वीट में उन्होंने लिखा, “दक्षिण एशिया में रेप-कल्चर के खिलाफ मेरे मजाकिया ट्वीट पर मेरे बॉस का लव लेटर. मैं नियमों में बदलाव की जरूरत पर बल देने के लिए इसे शेयर कर रहा हूं.”
शाह फैसल के अनुसार, अभिव्यक्ति की आजादी आज काफी अहम चीज़ है। ऐसे समय में क्या सरकार अपने कर्मचारियों को चुप रहने, गुमनाम रहने, कोई राय नहीं रखने, बड़े मुद्दों पर सार्वजनिक बहस में भाग लेने रोक कर सकती है? सरकारी अधिकारी की एक छवि है, वे गुमनाम हैं, उन्हें बहस नहीं करनी है, उनके चारों ओर जो कुछ भी हो रहा है वे उसे देख कर अपनी आंखें बंद कर लें, लेकिन इसे अब बदलने की जरुरत है।
शाह फैसल का कहना है कि मेरा उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की कमी को उजागर करना था। समाज का एक बड़ा हिस्सा सरकारी कर्मचारी है। लेकिन हम आमतौर पर उसके बारे में बात नहीं करते हैं। मैं इस ट्वीट के ज़रिए ये बहस करने का प्रयास कर रहा हूं कि कर्मचारी भी इस समाज का सदस्य है। वो बड़े नैतिक मुद्दों से अलग नहीं रह सकता है। सिर्फ सरकारी कर्मचारी होने का मतलब ये नहीं है कि वो सार्वजनिक चीजों से अलग रहे।
शाह फैसल ने कहा कि मेरा मानना है कि, मैंने उचित सावधानी के साथ अभिव्यक्ति की आज़ादी का इस्तेमाल किया है। उदाहरण के लिए मैंने कभी भी सरकारी नीति की आलोचना नहीं की है। उन्होंने कहा कि उन्हें अपनी नौकरी जाने कोई डर नहीं है। उन्होंने कहा, “मेरी नौकरी जा सकती है। लेकिन दुनिया संभावनाओं से भरी है। इससे पहले यूपी मे एक उपनिदेशक राजीव यादव को सोशल मीडिया पर अपनी बात कहने के कारण एक सप्ताह पहले निलंबित कर दिया गया था।
35 साल के शाह फैसल जम्मू कश्मीर के पहले एेसे आईएएस हैं जिन्होने आईएएस की परीक्षा मे पूरे देश मे टाप किया है। फैसल जम्मू-कश्मीर के राज्य पर्यटन विभाग में अतिरिक्त सचिव हैं। फिलहाल वह मास्टर डिग्री के लिए अमेरिका में हैं।
Love letter from my boss for my sarcastic tweet against rape-culture in South Asia.
The Irony here is that service rules with a colonial spirit are invoked in a democratic India to stifle the freedom of conscience.
I’m sharing this to underscore the need for a rule change.