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उच्च न्यायपालिका में आरक्षण की जरूरत को केन्द्र सरकार ने भी स्वीकारा

supreme-court_650x400_71455372806नई दिल्ली,  सरकार ने आज कहा कि वह उच्च न्यायपालिका में आरक्षण की अनुमति देने के लिए संविधान में संशोधन करने के किसी प्रस्ताव पर अभी विचार नहीं कर रही है लेकिन इस विषय पर किसी न किसी समय विचार किये जाने की जरूरत है। लोकसभा में कुछ सदस्यों के पूरक प्रश्नों के उत्तर में विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि उन्होंने उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों को लिखे अपने पत्र में आग्रह किया था कि जजों की नियुक्ति के प्रस्ताव के बारे में सिफारिश करते समय पिछड़े एवं कमजोर वर्ग के लोगों को इसमें स्थान देने पर ध्यान दें। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायपालिका में आरक्षण का प्रावधान करने एवं संविधान में संशोधन के बारे में विभिन्न वर्गो से सुझाव प्राप्त हुए हैं। लेकिन उच्च न्यायपालिका में आरक्षण प्रदान करने के लिए संविधान में संशोधन करने का अभी कोई प्रस्ताव नहीं है।

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