Breaking News

केजरीवाल सरकार को झटका, दिल्ली मे २१ सीटों पर हो सकते हैं चुनाव

Arvind kejriwalनई दिल्ली, राष्ट्रपति ने दिल्ली सरकार के उस बिल को मंज़ूरी देने से मना कर दिया है, जिसमें संसदीय सचिव के पद को ‘ऑफ़िस ऑफ प्रॉफ़िट’ से अलग करने का प्रस्ताव था। इससे दिल्ली में जल्द ही फिर से विधानसभा चुनाव होंने की संभावना बढ़ गई है?   राष्ट्रपति के इनकार के बाद आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों की सदस्यता पर सवाल खड़े हो गए हैं। दिल्ली के एलजी अब इस पर नोटिफ़िकेशन निकालेंगे और चुनाव आयोग को पूरी स्थिति से अवगत कराया जाएगा। ऐसे में दिल्ली की इन 21 सीटों पर फिर से चुनाव कराने के अलावा अब कोई और रास्ता नहीं बचा है।

 

  केजरीवाल ने साल 2015 में अपने 21  विधायकों को संसदीय सचिव के पद दिए, लेकिन वह ‘ऑफ़िस ऑफ प्रॉफ़िट’ की श्रेणी में आ गया। ऐसे में अपने विधायकों को बचाने के लिए दिल्ली सरकार एक बिल लेकर आई, जिसके तहत वह “पूर्वप्रभावी” तरीक़े से डिस्क्वालिफ़िकेशन प्रॉविज़न से छूट चाहती थी। यह बिल मंजूरी के लिए एलजी नजीब जंग को भेजा गया था, जिसे उन्होंने केंद्र सरकार को भेजा और फिर उसने इसे आगे राष्ट्रपति के पास भेजा था। अब राष्ट्रपति ने भी उसे मंज़ूरी देने से इनकार कर दिया है।

राष्ट्रपति के इस फैसले से आप के 21 विधायकों की सदस्यता खतरे में पड़ गई है, लेकिन इससे केजरीवाल सरकार को कोई ख़तरा नहीं है, क्योंकि 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा में उनके पास 67 विधायक हैं।

इन २१ विधायकों की जा सकती है सदस्यता-
1. जरनैल सिंह, राजौरी गार्डन
2. जरनैल सिंह, तिलक नगर
3. नरेश यादव, मेहरौली
4. अल्का लांबा, चांदनी चौक
5. प्रवीण कुमार, जंगपुरा
6. राजेश ऋषि, जनकपुरी
7. राजेश गुप्ता, वज़ीरपुर
8. मदन लाल, कस्तूरबा नगर
9. विजेंद्र गर्ग, राजिंदर नगर
10. अवतार सिंह, कालकाजी
11. शरद चौहान, नरेला
12. सरिता सिंह, रोहताश नगर
13. संजीव झा, बुराड़ी
14. सोम दत्त, सदर बाज़ार
15. शिव चरण गोयल, मोती नगर
16. अनिल कुमार बाजपई, गांधी नगर
17. मनोज कुमार, कोंडली
18. नितिन त्यागी, लक्ष्मी नगर
19. सुखबीर दलाल, मुंडका
20. कैलाश गहलोत, नजफ़गढ़
21. आदर्श शास्त्री, द्वारका

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *