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खेल को वक्त बर्बाद करने वाली चीज ना समझे- प्रधानमंत्री

prime minister narendra modi_650x400_51465148224नई दिल्ली, पीएम ने लोगों से अपील की और कहा कि खेल को वक्त बर्बाद करने वाली चीज ना समझे। उन्होंने सर डोनाल्ड ब्रेडमैन के कमेंट का भी जिक्र किया। मोदी ने कहा, ओलिंपिक मेडल लाकर बेटियों ने देश का सिर ऊंचा किया। आज पुलेला गोपीचंद की चर्चा होती है। उन्होंने अच्छे शिक्षक की मिसाल कायम की है। मैं उन्हें खिलाड़ी से ज्यादा एक अच्छे शिक्षक के रूप में देखता हूं। सिखाने के उनके तरीके को सैल्यूट करता हूं।

मन की बात में मोदी ने सबसे पहले 29 अगस्त को होने वाले राष्ट्रीय खेल दिवस के मौके पर हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले ध्यानचंद को श्रद्धांजलि दी। उन्हें याद किया और उनकी तारीफ भी की। रियो ओलंपिक का जिक्र करते हुए मोदी ने लड़कियों की तारीफ की। मोदी ने कहा, ऐसा लगता है कि पूरे भारत की बेटियों ने देश का नाम रोशन करने की ठान ली है।

गणेश उत्सव का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा गणेश उत्सव और दुर्गा पूजा में इस्तेमाल हो रहे सामान से पर्यावरण को हो रहे नुकसान होता है। मोदी ने कहा कि प्लास्टर ऑफ पैरिस से बनी मूर्तियों की जगह मिट्टी की मूर्तियां लेनी चाहिए। दी के कहा कि मदर टेरेसा को संत को घोषित किया जाना भारत के लिए गर्व की बात है। मदर टेरेसा को 4 सितंबर को संत घोषित करने के लिए कार्यक्रम होने वाला है।

मोदी ने एक घटना का जिक्र करते हुए कहा, आपने मुझे प्रधानमंत्री भले ही बना दिया हो लेकिन मैं भी तो आपके जैसा ही इंसान हूं। कुछ भावुक घटनाएं मुझे कुछ ज्यादा ही छू जाती हैं। मोदी ने बताया कि 84 साल की एक मां ने उन्हें चिट्ठी लिखी थी और गैस सब्सिडी छोड़ने की बात का जिक्र किया था। जिसमें उस महिला ने बताया था कि गैस सब्सिडी छोड़ने के लिए उन्हें पीएम की तरफ से एक थैंक्यू लेटर मिला था।

उसे पाकर वह महिला इतनी खुश हुई कि उसने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री का पत्र उसके लिए लिए पद्मश्री से कम नहीं है। उस महिला ने पीएम को 50 हजार रुपए का डोनेशन भी दिया था। पीएम मोदी ने कहा कि सभी दल कश्मीर में हो रही हिंसा के खिलाफ एकसाथ खड़े हैं। उन्होंने कहा कुछ लोग कश्मीर के छोटे बच्चों को आगे करके अपनी मंशा पूरी कर रहे हैं और उन्हें कभी ना कभी उन्हीं बच्चों को जवाब जरूर देना पड़ेगा।

मोदी ने बताया कि छत्तीसगढ़ में स्कूल के बच्चों ने अपने माता-पिता को चिठ्ठी लिखकर टॉयलेट बनवाने की मांग की थी। इसके बाद सबके पेरेंट्स ने उनकी बात मानकर टॉयलेट बनवाया। पीएम ने मल्लामा नाम की लड़की का भी जिक्र किया। पीएम ने बताया कि उसने भूख हड़ताल पर बैठकर अपने परिवार के खिलाफ ही सत्याग्रह कर दिया था। मल्लमा घर में टॉयलेट बनवाना चाहती थी। फिर घर की आर्थिक स्थिति कमजोर होने की कारण गांव के प्रधान ने 18 हजार रुपए का इंतजाम करके टॉयलेट बनवा दिया था।

यह पीएम मोदी की 23वीं मन की बात है। उन्होंने तकरीबन 35 मिनट भाषण दिया था। उसमें पीएम मोदी ने रियो ओलंपिक 2016 में खेलने के लिए जा रहे खिलाड़ियों को बधाई दी थी।

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