चारा घोटाला मामले में, सीबीआई कोर्ट ने दिया फैसला, छह आरोपी बरी, बाकी दोषी
December 23, 2017
रांची, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले के आरोप में स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। सीबीआई कोर्ट ने अपने फैसले मे, छह आरोपी बरी कर दिये गयें हैं, बाकी दोषी करार दिये गयें हैं। तीन जनवरी को सजा का एेलान होगा। तब तक लालू यादव सहित सभी दोषियों को जेल मे रहना होगा।
स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव सहित 22 लोगों के भविष्य का फैसला कर दिया है।13 दिसंबर को पूरी हुई सुनवाई के बाद आज सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत फैसला सुनाया। इस मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा, ध्रुव भगत, विद्यासागर निषाद सहित 6 लोगों को बरी कर दिया है। जबकि इसी मामले मे लालू यादव सहित 16 लोगों को अदालत ने दोषी पाया है। इस मामले में लालू यादव के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा समेत 22 अन्य लोग भी आरोपी थे।
सीबीआई कोर्ट के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह ने अपने फैसले मे, छह आरोपी बरी कर दिये हैं, बाकी दोषी करार दिये गयें हैं। सीबीआई कोर्ट तीन जनवरी को सजा का एेलान करेगी। तब तक लालू यादव सहित सभी दोषियों को जेल मे रहना होगा।
यह फैसला पहले 11 बजे आना वाला था लेकिन उस समय जानकारी मिली थी कि अब कोर्ट दोपहर 3 बजे के बाद कभी भी अपना फैसला सुना सकती है।यह जानकर फैसले के लिए रेस्ट हाउस से निकले लालू यादव अपने बेटे के साथ वापस लौट आए थे।3 बजे सभी दोबारा पेश हुये थे।
लालू यादव ने फैसला आने से पहले कहा था कि वह निर्दोष हैं। आज सुबह एक न्यूज चैनल से बातचीत में लालू ने कहा था कि सबको न्याय मिल रहा है, मैं तो पिछड़ी जाति से हूं, मुझे न्याय मिलने की उम्मीद है। लालू यादव ने कहा था कि एक ही आदमी को कई केसों में फंसाया गया है। अपने अंदाज में उन्होंने कहा कि एक ही मुर्गी को नौ बार हलाल किया जा रहा है।
फैसला आने से पहले लालू के बेटे तेजस्वी यादव ने ने कहा था कि हमें न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है और ये फैसला हमारे हक में आयेगा। उन्होंने कहा कि जिस तरह 2जी और आदर्श स्कैम में बीजेपी ने प्रोपगैंडा फैलाया था उसी तरह यह केस भी है।
मामला 950 करोड़ के चारा घोटाले में देवघर कोषागार से 89.4 लाख रुपये अवैध निकासी से जुड़ा है। फैसले के दौरान सभी 22 आरोपियों को कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया गया था। लालू प्रसाद सहित अन्य आरोपी शुक्रवार की शाम रांची पहुंच गए थे। लालू के साथ उनके पुत्र तेजस्वी यादव भी रांची आए हैं।
देवघर कोषागार मामले में 38 आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में दो चार्जशीट दाखिल की गई थी। पहली चार्जशीट 27 अक्टूबर, 1997 को हुई थी। सीबीआई के इंस्पेक्टर सह जांच पदाधिकारी नागेंद्र प्रसाद ने 34 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।
वहीं दूसरी चार्जशीट 25 अगस्त, 2004 को हुई थी। इसमें चार आरोपियों का नाम शामिल था। कुल 38 आरोपियों में से न्यायालय में ट्रायल के दौरान 11 का देहांत हो गया। वहीं सीबीआई ने तीन लोगों को सरकारी गवाह बनाया। इसके अलावा दो आरोपियों ने फैसला सुनाए जाने के पूर्व दोष स्वीकार कर लिया।
राजनीतिक नेताओं में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्र, पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, पूर्व सांसद सह पूर्व मंत्री डॉ. आरके राणा, पूर्व पशुपालन मंत्री विद्या सागर निषाद व पीएसी (लोक लेखा समिति) के तत्कालीन अध्यक्ष धु्रव भगत चारा घोटाला मामले मे आरोपित थे।चारा घोटाले में आईएएस अधिकारियों में पूर्व पशुपालन सचिव बेक जुलियस, महेश प्रसाद, तत्कालीन वित्त आयुक्त फूलचंद सिंह व तत्कालीन आयकर आयुक्त अधीप चंद्र चौधरी भी आरोपित थे।
चारा घोटाले के एक मामले में फैसला आने से एक दिन पहले राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने कहा था कि उन्हें न्यायिक प्रक्रिया पर पूरा भरोसा है। उन्होंने कहा था कि मेरे समर्थक जानते हैं कि लालू को साजिश के तहत फंसाया गया है। मुझे जेल जाना मंजूर है, लेकिन राजनीतिक विरोधियों के आगे घुटने टेकना नहीं।
रांची रवाना होने के पहले लालू ने कहा था कि भाजपा के सामने घुटने टेककर मैं अपने परिवार को परेशान होने से बचा सकता था, लेकिन मैं दूसरी मिट्टी का बना हुआ हूं। हार नहीं मानने वाला। हर साजिश और मुसीबत का डटकर मुकाबला करूंगा। लालू ने आरोप लगाया था कि भाजपा की चाल मेरी बोलती बंद करने की है, लेकिन मैं चुप नहीं रहूंगा।