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नोटबंदी के बाद 80 से भी ज्यादा लोगों की मौत का जिम्मेदार कौन-गुलाम नबी आजाद

gn-azadनई दिल्ली,  लोकसभा में आज भी नोटबंदी के मुद्दे पर जोरदार हंगामा हुआ और निचले सदन की कार्यवाही एक बार फिर बाधित हुई। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सदस्यों ने नियम 184 के तहत नोटबंदी पर बहस की मांग की, जिसके तहत वोटिंग होती है।सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि नोटबंदी के बाद से 80 से भी ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। उन्होंने कहा, मैं पूछना चाहता हूं कि इन मौतों के लिए कौन जिम्मेदार है? उन्होंने साथ ही कहा कि योजना बिना किसी तैयारी के ही लागू कर दी गई।

लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने शोरशराबे के बीच प्रश्नकाल चलाने की कोशिश की। महाजन ने कहा, यह हर रोज का नाटक है। अगर आप बहस चाहते हैं, तो आप बहस अभी शुरू कर सकते हैं। हालांकि उसके बाद भी विरोध और हंगामा जारी रहा और विपक्षी सदस्यों ने सरकार विरोधी नारे लगाने शुरू कर दिए। हंगामा बंद न होने के कारण लोकसभा अध्यक्ष ने कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। वहीं राज्यसभा में आज भी नोटबंदी पर हंगामा जारी रहा, जिसके चलते सदन की कार्यवाही बाधित हुई। संसद के ऊपरी सदन की कार्यवाही शुरू होने के कुछ मिनट बाद ही हंगामे के बीच कार्यवाही स्थगित कर दी गई।

समाजवादी पार्टी के नरेश अग्रवाल ने भी सरकार पर देश को पंगु बनाने का आरोप लगाया। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने भी उनका समर्थन करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी के कारण पैदा होने वाली समस्याओं को दूर करने के लिए 50 दिन का समय मांगा था, लेकिन कुछ भी बदलता दिखाई नहीं दे रहा। मायावती की टिप्पणी के बाद सत्ता पक्ष के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया। सदन के उप सभापति पी.जे. कुरियन ने सदस्यों से चुप रहने को कहा। सदन के नेता और केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि विपक्ष मुद्दे पर बहस से भाग रहा है। उन्होंने कहा, मुद्दा बेहद महत्वपूर्ण है और इसलिए  बहस पूरी की जानी चाहिए। उसके बाद सरकार के सांसदों ने विपक्ष के खिलाफ यह कहते हुए नारेबाजी शुरू कर दी कि अगर उनमें हिम्मत है तो वे बहस होने दें।

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