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भदोही: उफनाई गंगा से बढ़ी कटान की आशंका से किसान भयभीत

gangaभदोही,  यूपी के भदोही में गंगा अपना रौद्र रुप दिखाना शुरु कर दिया है। गंगा में लगातार जलस्तर बढ़ रहा है जिससे कछारी गांवों के सामने कटान की आशंका बढ़ चली है। गंगा के किनारे बसे किसानों के लिए बाढ़ किसी अभिशाप से कम नहीं है। जिले के लिए छेछुवा और भोर्रा गांवों के लिए यह अभिशाप है। यह मामला लोकसभा में भी उठाया जा चुका है। लेकिन इसका कोई लाभ नहीं हुआ। जिससे दक्षिणांचल के किसानों के लिए गंगा किसी अभिशाप से कम नहीं है। जिले के डीघ ब्लाक के कई गांवों के लिए गंगा अभिशाप है। जब बाढ़ आती है तो यहां के गांव वाले सहम उठते हैं। रात में उनकी आंखों से नींद गायब हो जाती है। क्योंकि कटान के भय से उनकी जमींने गंगा की आगोस में समाने का डर रहता है। कटरा और कोनिया इलाके के भोर्रा और छेछुवा गांवों के लिए गंगा किसी अभिशाप से कम नहीं है। गांव के बुजुर्गों की माने तो यहां कटान की वजह से अब तक कई एकड़ जमींने गंगा निगल चुकी है। जिससे किसानों के लिए समस्या हो चली है। एक गांव का तो अस्तित्व की मिट गया है। यहां गंगा चंद्रकार हैं जिसकी वजह से पानी का बेग अधिक तीब्र होता है। यही कटान का वजह बनता है। कभी बसपा से भदोही के सांसद रहे अब भाजपा में शामिल पंड़ित गोरखनाथ पांडेय गंगा कटान के मसले को लोकसभा में भी कई बार उठाया है। लेकिन यहां के लोगों को अभी तक कुछ राहत नहीं मिल पायी। जब बरसात आती है और गंगा में पानी बढ़ता है तो किसानों की नींद और चौन गायब हो जाता है। उधर जिले के औराई विकासखंड के कई कछारी गांवों में कटान का खतरा बढ़ गया है। हलांकि गंगा के जलस्तर में शनिवार को कुछ कमी आयी है। लेकिन इटवां गांव के किसान सहमें हैं। उन्हें लगता है कि अगर बरसात अधिक हुई और गंगा का जलस्तर बढ़ा तो जहां जमीन का कटान होगा वहीं गांव की बस्ती के लिए भी बड़ा खतरा बन जाएगा। प्रदेश सरकार को कछारी गांवों के किसानों की इस पीड़ा को समझना चाहिए।

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