नई दिल्ली, उड़ी हमले के तुरंत बाद संयुक्त ड्रिल के लिए रूसी सैनिक पाकिस्तान पहुंचे हैं। दो हफ्ते के आतंक विरोधी संयुक्त अभियान के लिए रूसी सैनिक पाकिस्तान पहुंचे हैं। कभी भारत के अहम सामरिक सहयोगी रहे रूस के आज भारत के साथ रिश्ते खास से आम हो गए हैं। हालांकि भारत और रूस भी आठ सालों से आतंक विरोधी अभियान में साथ हैं। अगले कुछ हफ्तों में भारत वार्षिक सम्मेलन में रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन की मेजबानी करेगा। बीते कुछ वक्त में रूस और भारत के बीच आर्थिक साझेदारी के साथ सिविल न्यूक्लियर डील में भी सहयोग बढ़ रहा है।
एक अंग्रेजी अखबार के अनुसार, भारतीय अधिकारियों ने कहा है कि पाक पहुंचने के रूस के इस कदम के बाद भारत की ओर से रूस को ऑप्शन दिया जाएगा जिसमें उसे पाकिस्तान या भारत किसी एक को चुनना होगा। रूस अब भी भारत को रक्षा सामग्री निर्यात करने वाला सबसे बड़ा देश है। भारत के अनुसार पाकिस्तान जाकर रूस ने बहुत बड़ी गलती की है और अब भारत-रूस का संबंध पहले की तरह नहीं हो पाएगा। रूस के पाकिस्तान और चीन से बढ़ते रिश्ते को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। ऐसा भी माना जा रहा कि भारत और अमेरिका के बढ़ते संबंधों का यह परिणाम है जिससे रूस का यह नया रुख स्पष्ट तौर पर सामने आया है। गत हफ्ते रूस व चीन की नौसेना ने साउथ चाइना सी में ड्रिल किया था और रूस ने चीन का पक्ष लिया था।