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मुलायम सर्वेसर्वा, उनकी सहमति से हुआ कौमी एकता दल का विलय- शिवपाल

shivpalलखनऊ, माफिया सरगना मुख्तार अंसारी के कौमी एकता दल  के समाजवादी पार्टी में विलय को लेकर मतभेद उभरने के बीच वरिष्ठ काबीना मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने आज कहा कि उन्होंने पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव की इजाजत से ही कौएद का सपा में विलय कराया था और इस मुद्दे पर पार्टी में सब कुछ ठीक चल रहा है। कौएद के अध्यक्ष रहे अफजल अंसारी ने इस मामले को लेकर आ रही खबरों को मीडिया की देन बताते हुए इसे भाजपा की साजिश बताया है।

शिवपाल ने संवाददाताओं से कहा, हमने नेताजी से पूछकर ही कौमी एकता दल का सपा में विलय किया है। उनकी इजाजत से ही दोनों भाइयों अफजल और सिबगतुल्लाह अंसारी को शामिल किया है। पार्टी के सर्वेसर्वा नेताजी ही हैं। हत्या समेत अनेक जघन्य अपराधों के मामलों में जेल में बंद माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के भाई अफजल अंसारी की अगुवाई वाली कौएद के सपा में विलय को लेकर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के कड़े तेवरों के बीच आज उनसे मुलाकात करने वाले शिवपाल ने दावा किया कि बैठक के दौरान विलय के मामले पर कोई बात नहीं हुई। सिर्फ पार्टी के संगठन और आगामी विधानसभा चुनाव की रणनीति पर बात हुई है। कौएद के सपा में विलय के बाद पार्टी में उठापटक मचने की खबरों को गलत बताते हुए शिवपाल ने कहा, देखिये पार्टी में सब कुछ ठीक है। विलय के मामले पर फैसला राष्ट्रीय अध्यक्ष और संसदीय बोर्ड लेगा। पार्टी में सब कुछ ठीक है। हमारी पार्टी लोकतांत्रिक पार्टी है। सबको अपनी राय रखने का अधिकार है। पार्टी में राष्ट्रीय अध्यक्ष का फैसला सबको मंजूर होता है। कौएद के सपा में विलय के बाद मुख्यमंत्री द्वारा माध्यमिक शिक्षा मंत्री बलराम यादव को बर्खास्त किये जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह मुख्यमंत्री का अधिकार है कि किसे मंत्री बनाना है और किसे नहीं। उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के कई जिलों में खासा प्रभाव रखने वाले कौएद का मंगलवार को सपा में औपचारिक विलय हो गया। माफिया सरगना मुख्तार अंसारी मऊ से और उनके रिश्तेदार सिबगतउल्ला अंसारी मुहम्मदाबाद सीट से विधायक हैं। मुख्तार हत्या समेत कई आरोपों में पिछले कई साल से जेल में है।

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इस विलय से बेहद खफा बताये जाते हैं और माना जा रहा है कि इस विलय में सक्रिय भूमिका निभाने पर ही उन्होंने मंगलवार को माध्यमिक शिक्षा मंत्री बलराम यादव को बर्खास्त किया है। इस बीच, कौएद के अध्यक्ष रहे अफजल अंसारी का कहना है कि जिस वक्त पार्टी का गठन हुआ था तब भी मुख्तार अंसारी जेल में थे। वह पार्टी में कोई पदाधिकारी नहीं हैं। उन्हें अदालत से किसी भी मामले में सजा नहीं सुनायी गयी है। मुकदमे तो किसी पर भी लादे जा सकते हैं। मीडिया ज्यादती कर रहा है। उसे भाजपा के माफियाओं से रिश्ते नजर नहीं आते हैं। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव मुख्यमंत्री हैं। यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने किसी मंत्री को बर्खास्त किया है। वह 12वें मंत्री हैं। उनका विशेषाधिकार है। बलराम की बर्खास्तगी का कौएद के सपा में विलय से कोई मतलब नहीं है। अंसारी ने कहा कि वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में कौएद ने 50 सीटों पर चुनाव लड़ा था। उसमें उसने दो सीटें जीतीं और अनेक सीटों पर उसके उम्मीदवारों ने खासे वोट हासिल किये हैं। पूर्वांचल के बलिया, आजमगढ़, मउ और गाजी जिलों में केवल एक सीट हासिल कर सकी भाजपा कौएद के सपा में विलय से हताश है और इसी वजह से इस मुद्दे को मीडिया के माध्यम से गलत तरीके से पेश करा रही है।

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