Breaking News

मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट ”मेक इन इंडिया” हुआ शुरू

make-in-india-defrnce

 

 

 

 

 

 

 

 

 

नई दिल्ली, केंद्र सरकार ने अपने महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट मेक इन इंडिया पर काम करना शुरू कर दिया है। इसके तहत रक्षा क्षेत्र में सेना के लिए भविष्य में काम आने वाले इंफेंट्री कॉम्बेट व्हीकल्स (थ्प्ब्टे) को बनाने के लिए आयुध निर्माण बोर्ड (व्थ्ठ) के अलावा पांच निजी कंपनियां फिलहाल मैदान में हैं।

करीब 60000 करोड़ के इस प्रोजेक्ट के तहत 2610 एफआईसीवी का निर्माण किया जाना है। एक अंग्रेजी अखबार की वेब साइट के मुताबिक इस प्रोजेक्ट में शामिल प्रतियोगियों में से किसी एक का चयन जल्द ही कर लिया जाएगा। सरकार इस प्रोजेक्ट के विकास के लिए करीब 80 फीसद फंड देगी, जो करीब तीन से चार हजार करोड़ रुपये होगा। व्हीकल के प्रोटोटाइप डिजाइन सामने आने के बाद ही किसी एक को व्यापक पैमाने पर प्रोडेक्शन के लिए चुना जाएगा। इंटीग्रेटेड प्रोजेक्ट मैनेजमेंट टीम (आईपीएमटी) इस बाबत अंतिम मूल्यांकन करने में जुटी है।

वेब साइट ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि इस प्रोजेक्ट के लिए ओएफबी समेत करीब पांच प्रतियोगियों ने इसमें हिस्सा लिया है। इसमें एल एंड टी, महेंद्र, पीपावाव डिफेंस एंड आॅफशोर इंजीनियरिंग, टाटा मोटर्स-भारत फोर्ज, टाटा पावर एसईडी – टीटीगढ़ वैगंस शामिल है। एफआईसीवी रूस द्वारा निर्मित बीएमपी-प्प् इंफेंट्री कॉम्बेट व्हीकल्स की जगह लेगा। यह व्हीकल एंटी टैंक मिसाइल युक्त मेन बैटल टैंक की तरह होगा। इसके अलावा इसमें मशीन गन भी लगी होगी। गौरतलब है कि भारत की करीब 1.3 मिलियन सेना में करीब 63 आरमर्ड रेजीमेंट हैं। जिसमें ज्-90ै, ज्-72 के अलावा मेन बैटल टैंक अर्जुन टैंक शामिल हैं। इसके अलावा इसके पीछे 44 मैकेनाइज्ड इंफेंट्री यूनिट भी होती है। पहली बार इसके लिए 2010 में एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट जारी किया गया था लेकिन रक्षा मंत्रालय ने जांच प्रक्रिया में इसमें कई खामियां पाईं और 2012 में इसे रद्द कर दिया गया था। एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट में कंपनियों की कमर्शल, टेक्निकल क्षमता, मजबूत तकनीक और टेक्निकल स्पेसिफिकैशन की जांच की जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *