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यूपीः राज्यसभा चुनाव मे भी सपा का लहराया परचम, भाजपा की महापात्रा पराजित

Samajwadi-Party 1उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी के सातों उम्मीदवार राज्यसभा चुनाव के तहत अपनी सीटें जीत गए हैं। भाजपा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार प्रीति महापात्रा पराजित हो गई हैं। महापात्रा के चुनाव मैदान में कूद जाने की वजह से ही मतदान कराना अपरिहार्य हो गया था। कांग्रेस के कपिल सिब्बल ने कड़े मुकाबले में महापात्रा को पराजित किया। सिब्बल को 25 और महापात्रा को 18 मत मिले। सपा के सभी सात, बसपा के दोनो और भाजपा के दो मे से  एक और कांग्रेस का एक सदस्य चुनाव जीता।

उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए चुने जाने वालों में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी के अमर सिंह, बेनीप्रसाद वर्मा, कुंवर रेवतीरमण सिंह, विशम्भर प्रसाद निषाद, सुखराम यादव, संजय सेठ और सुरेन्द्र नागर शामिल हैं। बीएसपी के सतीश मिश्र और अशोक सिद्धार्थ, बीजेपी के शिवप्रताप शुक्ल और कांग्रेस के कपिल सिब्बल भी राज्यसभा के लिए चुन लिए गए हैं। मतदान में खास बात यह रही कि सभी दलों में क्रॉस-वोटिंग हुई, मगर बीएसपी ने सभी दलों से दूरी बनाए रखते हुए अपने अतिरिक्त वोटों को किसी भी उम्मीदवार के समर्थन में नहीं दिया।

हालांकि, कांग्रेस उम्मीदवार सिब्बल चुनाव जीतने में तो कामयाब रहे, मगर विधानसभा में 29 सदस्यों वाली पार्टी को सबसे अधिक क्रॉसवोटिंग की मार झेलनी पड़ी और सिब्बल को प्रथम वरीयता के केवल 25 वोट मिले, बावजूद इसके कि आठ सदस्यीय राष्ट्रीय लोकदल ने सपा और कांग्रेस को चार-चार विधायकों के समर्थन का ऐलान पहले ही कर दिया था।
राज्यसभा की 11 सीटों पर हुए चुनाव में 12 प्रत्याशी मैदान में थे। हर प्रत्याशी को जीत के लिए प्रथम वरीयता के 34 वोटों की जरूरत थी। राज्य विधानसभा के 403 सदस्यों में से सपा के 229, बीएसपी के 80, बीजेपी के 41, कांग्रेस के 29, आरएलडी के आठ विधायक हैं। पीस पार्टी के चार, कौमी एकता दल के दो, एनसीपी का एक, इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल का एक, अपना दल का एक और तृणमूल कांग्रेस का एक विधायक है। छह विधायक निर्दलीय हैं।

मतदान में क्रॉस वोटिंग हुई। सपा के सातवें उम्मीदवार को प्रथम वरीयता के नौ वोट कम पड़ रहे थे, हालांकि वह जीतने में सफल रहे। प्रथम दौर की मतगणना में सपा के केवल तीन प्रत्याशी ही जीत सके। बीएसपी ने अपने 12 अतिरिक्त वोट किसी को नहीं देने का फैसला किया, ताकि 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले किसी पार्टी के साथ होने का दाग उस पर नहीं लगे। बीएसपी के सतीश मिश्र को 39 और अशोक सिद्धार्थ को 42 मत मिले। प्रीति को प्रथम वरीयता के मात्र 18 वोट मिले और वह हार गईं।

 

 

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